सुरेश वाडकर

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Thursday, January 7, 2016

ब्राह्मण विदेशी है प्रमाण-


ब्राह्मण विदेशी है प्रमाण-



1. ऋग्वेद में श्लोक 10 में लिखा है
कि हम(वैदिक ब्राह्मण ) उत्तर ध्रुव से आये हुए लोगहै। जब आर्य व्
अनार्यो का युद्ध हुआ ।2. The Arctic Home At The
Vedasबालगंगाधर तिलक (ब्राह्मण) के द्वारालिखी पुस्तक में
मानते है कि हम बाहर आए हुएलोग है ।3. जवाहर लाल नेहरु ने
(बाबर के वंशज फिरकश्मीरी पंडित बने) उनकी किताब
Discoveryof India में लिखा है कि हम मध्य एशिया सेआये हुए
लोग है। यह बात कभी भूलना नहीचाहिए। ऐसे 30 पत्र इंदिरा
जी को लिखे जबवो होस्टल में पढ़ रही थी।4. वोल्गा टू गंगा में
“राहुलसांस्कृतयान” (केदारनाथ के पाण्डेय ब्राहम्ण)ने लिखा है
कि हम बाहर से आये हुए लोग हैऔर यह भी बताया की वोल्गा से
गंगा तट(भारत) कैसे आए।5. विनायक सावरकर ने (ब्राम्हण)
सहासोनरी पाने “इस मराठी किताब में लिखाकी हम भारत के
बाहर से आये लोग है।6. इक़बाल “काश्मीरी पंडित ” ने भी
जिसने“सारे जहा से अच्छा” गीत लिखा था कि हमबाहर से आए
हुए लोग है।7. राजा राम मोहन राय ने इग्लेंड में जाकरअपने
भाषणों में बोला था कि आज मै मेरी पितृभूमि यानि अपने घर
वापस आया हूँ।8. मोहन दास करम चन्द गांधी (वेश्य) ने1894 में
दक्षिणी अफ्रीका के विधान सभा मेंलिखे एक पत्र के अनुसार
हम भारतीय होने केसाथ साथ युरोशियन है हमारी नस्ल एक ही
हैइसलिए अग्रेज शासक से अच्छे बर्ताव कीअपेक्षा रखते है।9.
ब्रह्म समाज के नेता सुब चन्द्र सेन ने 1877में कलकत्ता की एक
सभा में कहा था किअंग्रेजो के आने से हम सदियों से बिछड़े
चचेरेभाइयों का (आर्य ब्रह्मण और अंग्रेज )पुनर्मिलन हुआ है।इस
सन्दर्भ में अमेरिका के Salt lake Cityस्थित युताहा
विश्वविधालय (University ofUtaha’ USA) के मानव वंश विभाग
केवैज्ञानिक माइकल बमशाद और आंध्र प्रदेश केविश्व
विद्यापीठ विशाखा पट्टनम केAnthropology विभाग के
वैज्ञानिकों द्वारासयुक्त तरीको से 1995 से 2001 तक
लगातार6 साल तक भारत के विविध जाति-धर्मो औरविदेशी
देश के लोगो के खून पर किये गये DNAके परिक्षण से एक रिपोर्ट
तैयार की। जिसमेंबता गया कि भारत देश की ब्राह्मण जातिके
लोगों का DNA 99:96 %, कश्त्रिय जातिके लोगों का DNA
99.88% और वेश्य-बनियाजाति के लोगो का DNA 99:86%
मध्ययूरेशिया के पास जो “काला सागर ’BlacSea” है। वहां के
लोगो से मिलता है। इसरिपोर्ट से यह निष्कर्ष निकालता है
किब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य-बनिया विदेशीलोग है और एस
सी, एस टी और ओबीसी में बंटेलोग (कुल 6743 जातियां) और
भारत के धर्मपरिवर्तित मुसलमान, सिख, बुध, ईसाई आदिधर्मों
के लोगों का DNA आपस में मिलता है।जिससे साबित होता है
कि एस सी, एस टी,ओबीसी और धर्म परिवर्तित लोग भारत
केमूलनिवासी है। इससे यह भी पता चलता हैकि एस सी, एस टी,
ओबीसी औरधर्मपरिवर्तित लोग एक ही वंश के लोग है।एस सी,
एस टी, ओबीसी और धर्म परिवर्तितलोगों को आपस में जाति
के आधार पर बाँट करब्राह्मणों ने सभी मूलनिवासियों पर
झूटीधार्मिक गुलामी थोप रखी है। 1900 के शुरुआतसे आर्य
समाज ब्राह्मण जैसे संगठन बनाने वालेइन लोगो ने 1925 से हिन्दु
नामक चोलापहनाकर घुमाते आ रहे है। उक्त बात काविचार हमे
बहुत ही गहनता से करने कीआवश्यकता है। राष्ट्रिय स्वयं
सेवकसंघ केजरिये 3% ब्राह्मvvण 97% मूलनिवासीभारतीयों पर
पिछ्ले कई सालों से राज करतेआ रहे हैं।
निरंजन , भारत मुक्ति मोर्चा

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