सुरेश वाडकर

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Friday, December 26, 2014

बालीवुड सितारों के असली नाम


umabua
13-09-2013, 02:03 PM
हम बालीवुड के कलाकारों को उनके फ़िल्मी नामों अथवा परदे पर प्रदर्शित नामों से ही जानते हैं। अधिकांश कलाकारों के मूल नाम कुछ और ही होते हैं किन्तु परदे पर अवतरित होते ही नाम परिवर्तित हो जाते हैं। सूत्र में कुछ सितारों के नामों के विषय में चर्चा की जा रही है।
umabua
13-09-2013, 02:10 PM
सबसे पहले .........

सहस्त्राब्दी के कलाकार अमिताभ बच्चन ...

हम सभी जानते हैं कि 'बच्चन' न तो कोई नाम है और ना ही कोई जाति-उपजाति ही। श्री हरिवंश राय श्रीवास्तव जी का साहित्यिक नाम 'बच्चन' था जिसे उनकी सन्तति ने अपना लिया। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि श्री हरिवंश राय जी ने जन्म के समय अपने ज्येष्ठ पुत्र का नाम 'इन्कलाब' रखा था। किन्तु बाद में विद्यालय में इन्कलाब का नाम अमिताभ श्रीवास्तव लिखा गया जो कि कालान्तर में सम्पूर्ण विश्व में अमिताभ बच्चन के नाम से जाना गया।

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umabua
13-09-2013, 02:12 PM
आज के बहुचर्चित सितारे सैफ अली खान के पासपोर्ट में उनका नाम 'साजिद अली खान' लिखा हुआ है।



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umabua
13-09-2013, 02:16 PM
आज के ही मैन सलमान खान का मूल नाम किसी मुगलकालीन शासक का नाम जैसा प्रतीत होता है ........ ज़रा गौर फरमाइए ...

अब्दुल रशीद सलीम सलमान खान


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umabua
13-09-2013, 02:18 PM
आखिर सनी लिओन को भारतीय क्यों कहा जाता है ?

क्योंकि ये एक पंजाबी परिवार से सम्बन्ध रखती हैं और उनका मूल नाम " करनजीत कौर वोहरा" है।


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umabua
13-09-2013, 02:19 PM
प्रीती जिंटा का मूल नाम "प्रीतम जिंटा सिंह" है और वे एक पंजाबी परिवार को बिलांग करती हैं।


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umabua
13-09-2013, 02:22 PM
कटरीना कैफ का नाम कटरीना क्यों पडा?

क्योंकि कटरीना का जन्म हांगकांग के कटरीना तर्कोटे (katrina turquotte) नाम शहर में हुआ था।



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umabua
13-09-2013, 02:23 PM
हिस्स गर्ल मल्लिका शेरावत का नाम मूल नाम "रीमा लाम्बा" है।


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CHHUPA RUSTEM
13-09-2013, 11:40 PM
बहुत अच्छी जानकारी है दी है मित्र|
फिल्मी दुनिया के अलावा अन्य क्षेत्रोँ मेँ भी अनेको व्यक्ति अपने उपनाम से ही लोकप्रिय हो पाये हैँ |
virat143
14-09-2013, 02:44 AM
सबसे पहले .........

सहस्त्राब्दी के कलाकार अमिताभ बच्चन ...

हम सभी जानते हैं कि 'बच्चन' न तो कोई नाम है और ना ही कोई जाति-उपजाति ही। श्री हरिवंश राय श्रीवास्तव जी का साहित्यिक नाम 'बच्चन' था जिसे उनकी सन्तति ने अपना लिया। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि श्री हरिवंश राय जी ने जन्म के समय अपने ज्येष्ठ पुत्र का नाम 'इन्कलाब' रखा था। किन्तु बाद में विद्यालय में इन्कलाब का नाम अमिताभ श्रीवास्तव लिखा गया जो कि कालान्तर में सम्पूर्ण विश्व में अमिताभ बच्चन के नाम से जाना गया।

788903
बहुत अच्छी जानकारी है
virat143
14-09-2013, 02:46 AM
हिस्स गर्ल मल्लिका शेरावत का नाम मूल नाम "रीमा लाम्बा" है।


788909
जी बुआजी और लाम्बा इनके पिताजी का सरनामे था
शेरावत इन्होने अपनी माँ का सरनेम लिया हुआ है
virat143
14-09-2013, 02:47 AM
प्रीती जिंटा का मूल नाम "प्रीतम जिंटा सिंह" है और वे एक पंजाबी परिवार को बिलांग करती हैं।


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धन्यवाद बुआजी इतनी सुंदर जानकारी के लिए
virat143
14-09-2013, 02:49 AM
आखिर सनी लिओन को भारतीय क्यों कहा जाता है ?

क्योंकि ये एक पंजाबी परिवार से सम्बन्ध रखती हैं और उनका मूल नाम " करनजीत कौर वोहरा" है।


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क्या सच में ?
virat143
14-09-2013, 02:50 AM
आज के ही मैन सलमान खान का मूल नाम किसी मुगलकालीन शासक का नाम जैसा प्रतीत होता है ........ ज़रा गौर फरमाइए ...

अब्दुल रशीद सलीम सलमान खान


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वाह क्या बात है जहीलेअलम
virat143
14-09-2013, 02:51 AM
बुआजी बहुत अच्छी जानकारी दे रही हैं मजेदार भी रेपो+++ स्वीकार करे
virat143
14-09-2013, 02:52 AM
बुआजी बहुत अच्छी जानकारी दे रही हैं मजेदार भी रेपो+++ स्वीकार करे
माफ़ कीजियेगा किसी कारणवश रेपो नहीं दे पा रहा हु बट सुरु होते ही दूंगा
umabua
14-09-2013, 11:39 AM
छुपारुस्तम जी भावपूर्ण प्रविष्टि के लिए धन्यवाद। आपने सही कहा है कि फिल्मों के अलावा अन्य क्षेत्रों में बहुत से व्यक्ति अपने मूल नाम के बजाय अन्य नामों से पहचाने गए हैं। ऐसे क्षेत्रों में साहित्यिक (लेखक, कवि एवं शायर आदि) क्षेत्र प्रमुख है।
umabua
14-09-2013, 11:39 AM
विराट जी, आपकी भावपूर्ण प्रविष्टियाँ ही रेपो हैं। सूत्र भ्रमण के लिए हार्दिक धन्यवाद।
umabua
14-09-2013, 11:42 AM
भारतीय सिनेमा में अबतक की सर्वाधिक नयनाभिराम सौन्दर्य की स्वामिनी मधुबाला का मूल नाम "मुमताज जहाँ बेगम देहलवी" था।


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umabua
14-09-2013, 11:43 AM
दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत का मूल नाम "शिवाजी राव गायकवाड" है।


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umabua
14-09-2013, 11:43 AM
परदेश फिल्म में आने से पहले महिमा चौधरी का नाम "रितु चौधरी" था। सुभाष घई जी अपनी पिछली अभिनेत्रियों (माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला आदि) के नाम के प्रथम अक्षर को लकी मानते हुए रितु का नाम महिमा कर दिया था।


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umabua
14-09-2013, 11:44 AM
कमल हासन एक तमिल अयंगार परिवार में जन्मे हैं और इनका मूल नाम "पार्थसारथी" है।


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umabua
14-09-2013, 11:45 AM
मलयाली पिता और पारसी माँ के बेटे जॉन अब्राहम का मूल पारसी नाम "फरहान" है। किन्तु फरहान अब्राहम के बजाय फिल्म जगत में इन्हें जान अब्राहम के नाम से जाना जाता है।

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umabua
14-09-2013, 11:46 AM
याहू कपूर के नाम से मशहूर शम्मी कपूर का मूल नाम "शमशेर राज कपूर" था।

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virat143
14-09-2013, 12:47 PM
क्या बात है बुआजी बहुत खूब मजा आ गया जानकारी पढ़कर
umabua
16-09-2013, 12:48 PM
बैंकाक के एक होटल में कुक का कार्य करने वाले राजीव हरी ओम भाटिया की जब किस्मत पलटी तो बालीवुड में अक्षय कुमार के नाम से चमकने लगे ............789584
umabua
16-09-2013, 12:49 PM
विरार के छोरा गोविंदा का वास्तविक नाम गोविन्द अरुण आहुजा है।


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umabua
16-09-2013, 12:53 PM
धर्मेद्र सिंह देओल के कनिष्ठ पुत्र विजय सिंह देओल ने जब फ़िल्मी दुनिया में झांका तो उन्हें अपना पेट्नेम 'बाबी' ही भाया और ग्लैमर की दुनिया में बाबी देओल कहे गए।
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umabua
16-09-2013, 12:56 PM
फाईट मास्टर वीरू देवगन के पुत्र का नाम विशाल देवगन था किन्तु जब 'फूल और कांटे' फिल्म की कास्टिंग हुयी तब इस नाम के स्थान पर अजय देवगन लिखा गया। बाद में अंकशास्त्र की हिदायत के अनुसार अजय देवगन ने 'देवगन' शब्द की अंगरेजी वर्तनी से एक 'ए' हटा दिया devagan के बजाय devgan लिखा जाने लगा।
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umabua
16-09-2013, 01:00 PM
अन्य दक्षिण भारतीय कलाकारों के नाम भाँति बालीवुड की सदासुन्दरी सौन्दर्यप्रतिमा रेखा का असली नाम उनके पिता जेमिनी गणेशन के साथ जुड़ कर " रेखा भानुशाली गणेशन" है।


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umabua
16-09-2013, 01:03 PM
बालीवुड फिल्मों में बनावटी गहनों की आपूर्ति करने वाले सुदर्शन युवक रवि कपूर को जब वी शांताराम ने अपनी फिल्म " गीत गाया पत्थरों ने " के लिए नायक चुना तब इसका नाम जीतेंद्र कर दिया गया। बाद में बालीवुड में यह 'जम्पिंग जैक' के नाम से जाने गए। ईश्वर पर गहरी आस्था के कारण इनके गले और दोनों बाजुओं में गंडा-ताबीजों की मालाएं बंधी रहती हैं।

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umabua
16-09-2013, 01:03 PM
कौन जानता था कि जान प्रकाश राव जांमाला नाम का बंबई सिटी बस का कंडक्टर एक दिन फिल्मों में नाम कमाएगा। यह कंडक्टर और कोई नहीं बल्कि जानी लीवर नामक मिमिक्री और हास्य अभिनेता ही हैं।

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virat143
16-09-2013, 07:32 PM
वाह बुआजी बहुत बढ़िया लगी रहो
sangeeta1
19-12-2013, 12:34 PM
Buaji aapki kami munch ka khal rhi he
Kamal Ji
19-12-2013, 01:17 PM
दिलीप कुमार (जन्म 11दिसम्बर 1922,जन्म का नाम: यूसुफ़ ख़ान), यह पेशावर ( अब पाकिस्तान )में हुआ था. हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय अभिनेता और भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा के सदस्य है। दिलीप कुमार को उनके दौर का बेहतरीन अभिनेता माना जाता है, त्रासद या दु:खद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजिडी किंग' भी कहा जाता था। उन्हें भारतीय फिल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरूस्कार से सम्मानित किया गया है, इसके अलावा दिलीप कुमार को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से भी सम्मानित किया गया है।

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दिलीप कुमार के 89वें जन्*मदिन (11 दिसंबर 2011) की तस्वीरः इस मौके पर खास अंदाज में दिलीप कुमार व शायरा बानो.
Kamal Ji
19-12-2013, 01:21 PM
जॉनी वॉकर (जन्म 15 मई 1923 - निधन 29 जुलाई 2003 ) भारत के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता का स्क्रीन नाम था, इनका मूल नाम बहरुद्दीन जमालुद्दीन काज़ी था।

जानी वाकर हिन्दि फिल्म जगत के एक जाने माने हास्य अभिनेता रहे हैं जो किसी परिच्हय का मोह्ताज नही हैं। १५ मई १९२३ को जन्मे इस अभिनेता का अस्ली नाम बद्रुद्दिन जमालुद्दिन काजी था।


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Kamal Ji
19-12-2013, 01:28 PM
राजेन्द्र कुमार का नाम राजेन्द्र कुमार ही था.(२० जुलाई १९२९ – १२ जुलाई १९९९) ६० तथा ७० के दशकों में बॉलीवुड के सफलतम अभिनेताओं में से एक थे। ८० के दशक में वह कई फिल्मों के निर्माता थे जिनमें उनके पुत्र कुमार गौरव ने अभिनय किया है। उनका जन्म पाकिस्तान , पंजाब प्रान्त के सियालकोट शहर में हुआ था[Only registered and activated users can see links] EtRxehR16nHsJjYgoX4
Kamal Ji
19-12-2013, 01:32 PM
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प्रख्यात चरित्र अभिनेता प्राण का शुक्रवार को निधन हो गया। अस्वस्थ प्राण को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने रात 8.30 बजे अंतिम सांस ली। वह 93 वर्ष के थे। प्राण को इस साल दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया था। प्राण ने 40 के दशक में अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। शुरुआत की कुछ फिल्मों में उन्होंने नायक की भूमिका निभाई लेकिन उन्हें पहचान मिली खलनायक की भूमिक से। उन्होंने प्रमुख रूप से जिद्दी, बड़ी बहन, उपकार, जंजीर, डॉन, अमर अकबर एंथनी और शराबी जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया।

#प्राण का वास्तविक नाम प्राण किशन सिकन्द है।

#प्राण एक्टर नहीं बल्कि फोटोग्राफर बनना चाहते थे। उन्होंने सबसे पहले अपने शहर की रामलीला में सीता का किरदार निभाया था।

#प्राण की पहली फिल्म पंजाबी में थी। फिल्म का नाम था यमला जट जो 1940 में आई थी।

#प्राण ने हिंदी और पंजाबी फिल्मों के अलावा बंगाली फिल्मों में भी काम किया था।

#भारत की आजादी से एक दिन पहले यानि 14 अगस्त 1947 को प्राण लाहौर से पाकिस्तान आए थे। प्राण के मुताबिक विभाजन के वक्त जो सबसे कीमती चीज उन्होंने खोई थी वो उनका कुत्ता था।

#प्राण को मुंबई आने के बाद पहली बार हिंदी फिल्म में मौका लेखक सआदत हसन मंटो की मदद से मिला था। फिल्म थी 1948 में आई देवानंद और कामिनी कौशल स्टारर जिद्दी।

#मुंबई आने के बाद प्राण की पहली सबसे बड़ी हिट फिल्म थी बीआर चोपड़ा की अफसाना (1951)

#प्राण और अशोक कुमार ने एक साथ करीब 30 फिल्मों में काम किया। दोनों काफी करीबी दोस्त माने जाते थे।

#कई नेगेटिव रोल निभाने के बाद 1967 में मनोज कुमार ने फिल्म उपकार में उन्हें एक विकलांग का किरदार निभाने का मौका दिया।

#प्राण ने धार्मिक फिल्म लव कुश में वाल्मिकी का किरदार भी निभाया।

#प्राण अपने मेकअप का खास ध्यान रखते थे और अपने घर पर आर्टिस्ट से अपना स्केच बनवाते थे उसके बाद अपना लुक तय करते थे।

#फिल्म जंजीर में अमिताभ बच्चन को लेने की सलाह प्राण ने ही प्रकाश मेहरा को दी थी।

#1969 से 1982 तक प्राण की कामयाबी का ऐसा दौर भी आया जब उन्हें फिल्म के हीरो से भी ज्यादा पैसे दिए जाने लगे। उस दौर में उन्हें अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा दैसे बड़े सितारों से भी ज्यादा फीस मिलती थी।

#1990 के बाद प्राण ने फिल्मों में काम करना लगभग बंद कर दिया। लेकिन अमिताभ बच्चन के विशेष आग्रह पर उन्होंने फिल्म मृत्युदाता और तेरे मेरे सपने में काम किया।

#प्राण का एक फुटबॉल क्लब भी है जिसका नाम बॉम्बे डायनामोज फुटबॉल क्लब है।

#प्राण अक्सर अपनी फिल्मों में एक शब्द का जरुर इस्तेमाल करते थे। ये शब्द था बर्खुरदार। कहते हैं ये उनका पसंदीदा शब्द है।

#2001 में प्राण को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया और अब उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।

#प्राण ने अपने किरदारों को इतनी शिद्दत से निभाया कि लोग मानने लगे कि वो निजी जिंदगी में भी विलेन ही हैं। यहां तक की जिस दौर में प्राण हिट हुए लोगों ने अपने बच्चों का नाम प्राण रखना बंद कर दिया था। प्राण नाम के बच्चे की खोज के लिए बाकायदा एक प्रतियोगिता भी रखी गई थी।

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sangeeta1
19-12-2013, 01:34 PM
Kamal ji aapko ye jaankar tajub hogo jonny leaver ji apna naam jonny warkar se bhut jyada prerit the is liye unone apna jonny rkha tha shayad jesa maine suna he
Kamal Ji
19-12-2013, 01:44 PM
संजीव कुमार (अंग्रेजी : Sanjeev Kumar,गुजराती : હરિભાઈ જરીવાલા, जन्म : 9 जुलाई 1938, मृत्यु : 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फिल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फिल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नई रात फिल्म में नौ रोल किये थे। कोशीश फिल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फिल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया।

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उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुँवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1984 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1984 तक पूरे पच्चीस साल तक वे लगातार फिल्मों में सक्रिय रहे।

उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फिल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा।
Kamal Ji
19-12-2013, 01:46 PM
Kamal ji aapko ye jaankar tajub hogo jonny leaver ji apna naam jonny warkar se bhut jyada prerit the is liye unone apna jonny rkha tha shayad jesa maine suna he

धन्यवाद संगीता जी आपका... आपका संगीत हमेशा इसी तरह इस फोरम पर बजता रहे....
Kamal Ji
19-12-2013, 01:54 PM
हेमा मालिनी का जन्म १६ अक्तूबर १९४६ में तमिलनाडु में हुआ था। बालीवुड की यह अभिनेत्री भरत्नाट्यम की एक बेहतरीन नृत्यांगना है। शोले फिल्म से मशहूर हुई इस अभिनेत्री की दो बेटियां हैं-बडी बेटी एशा देयोल और छोटी बेटी आह्न्ना देयोल, यह तिकडी कई चैरिटेबल कार्यक्रम भी प्रस्तुत करती हैं। फिल्म शोले के बाद अभिनेता धर्मेंद्र से हेमा ने शादी कर ली। धर्मेंद्र शादीशुदा थे और उनके चार बच्चे थे। धर्म से हिन्दू होने के कारण धर्मेंद्र अपनी पहली ब्याहता प्रकाश कौर के रहते तलाक दिए बिना दूसरी शादी नहीं कर सकते थे, इस कारण शादी करने के लिए धर्मेँद्र और हेमा मालिनी ने इस्लाम धर्म अपना लिया और इस्लामी रीति-रिवाज से शादी की। धर्मेंद्र ने अपना नाम बदल कर दिलावर खान केवल किया जबकि हेमा मालिनी का नाम बदल कर आयशा किया गया। अय्यंगर ब्राह्मण परिवार में जन्मी इस अभिनेत्री की बडी बेटी एषा देयोल भी कई फिल्मों में काम कर चुकीं हैं। आह्न्ना को विज्ञापनों में देखा जा सकता है। हेमा मालिनी की मां जया चक्रवर्ती तमिल फिल्मों की प्रोड्यूसर थीं।

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Kamal Ji
19-12-2013, 02:09 PM
अशोक कुमार (बांगला : অশোক কুমার ; १३ अक्तूबर १९११, भागल पुर : कुमुद कुमार गांगुली - १० दिसंबर २००१,मुम्बई ) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। सन् १९९९ में भारत सरकार ने उन्हें कला के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया। ये महाराष्ट्र राज्य से थे।

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व्यक्तिगत जीवनहिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में दादा मुनि के नाम से मशहूर कुमार का जन्म एक मध्यम वर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था। अशोक कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मध्यप्रदेश के खंडवा शहर में प्राप्त की। बाद मे उन्होंने अपनी स्नातक की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की। इस दौरान उनकी दोस्ती शशधर मुखर्जी से हुई। भाई बहनो में सबसे बड़े अशोक कुमार की बचपन से ही फिल्मों मे काम करके शोहरत की बुंलदियो पर पहुंचने की चाहत थी, लेकिन वह अभिनेता नहीं बल्कि निर्देशक बनना चाहते थे। अपनी दोस्ती को रिश्ते मे बदलते हुए अशोक कुमार ने अपनी इकलौती बहन की शादी शशधर से कर दी। सन 1934 मे न्यू थिएटर मे बतौर लेबोरेट्री असिस्टेंट काम कर रहे अशोक कुमार को उनके बहनोई शशधर मुखर्जी ने बाम्बे टॉकीज में अपने पास बुला लिया।
sangeeta1
19-12-2013, 02:45 PM
Ek mai yha baat bolna chaahti hu ki jonny warker ji bus me condector the or jonny leaver sahab hindustan leaver lmt. Me kaam krte the
sangeeta1
19-12-2013, 02:47 PM
Kamal ji thanx
Kamal Ji
19-12-2013, 03:54 PM
Ek mai yha baat bolna chaahti hu ki jonny warker ji bus me condector the or jonny leaver sahab hindustan leaver lmt. Me kaam krte the


Kamal ji thanx


संगीता जी आपका पुनः आभार सूत्र पर आने व अपने विचारों से अवगत कराने का.
Kamal Ji
19-12-2013, 04:07 PM
राज कुमार (जन्म: 8 अक्टूबर1926 निधन:3 जुलाई 1996) हिंदी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। राज कुमार ही इनका वास्तविक नाम था.


व्यक्तिगत जीवनराजकुमार का जन्म पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत में आठ अक्तूबर 1926 को एक मध्यम वर्गीय कश्मीरी बाह्मण परिवार में हुआ था। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजकुमार मुंबई के माहिम पुलिस स्टेशन में बतौर सब इंस्पेक्टर काम करने लगे। राजकुमार मुंबई के जिस थाने मे कार्यरत थे वहां अक्सर फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों का आना-जाना लगा रहता था। एक बार पुलिस स्टेशन में फिल्म निर्माता कुछ जरूरी काम के लिए आए हुए थे और वह राजकुमार के बातचीत करने के अंदाज से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने राजकुमार को यह सलाह दी कि अगर आप फिल्म अभिनेता बनने की ओर कदम रखे तो उसमे काफी सफल हो सकते है। राजकुमार को फिल्म निर्माता की बात काफी अच्छी लगी। इसके कुछ समय बाद राजकुमार ने अपनी नौकरी छोड़ दी और फिल्मों में बतौर अभिनेता बनने की ओर अपना रूख कर लिया
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राजकुमार की 3 जुलाई को पुण्यतिथि है तो आइए याद करते हैं उनसे जुड़े कुछ किस्से। राजकुमार बेहद मुंहफट आदमी थे। जो दिल में आता था, उसे शब्दों का बाण बनाकर सामने वाले पर दाग देते थे। ये बात तो सोचते भी नहीं थे कि सामने वाले को इसका बुरा लगेगा या नहीं। पेश हैं कुछ ऐसे किस्से, जो बॉलीवुड में बहुत मशहूर हैं। ये कितने सही हैं या गलत, ये तो हम नहीं बता सकते, लेकिन इन्हें खूब चटखारे लेकर सुनाया गया।

राजकुमार और गोविंदा एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। गोविंदा झकाझक शर्ट पहने हुए राजकुमार के साथ शूटिंग खत्म होने के बाद वक्त बिता रहे थे।। राजकुमार ने गोविंदा से कहा यार तुम्हारी शर्ट बहुत शानदार है। चीची इतने बड़े आर्टिस्ट की यह बात सुनकर बहुत खुश हो गए। उन्होंने कहा कि सर आपको यह शर्ट पसंद आ रही है तो आप रख लीजिए। राजकुमार ने गोविंदा से शर्ट ले ली। गोविंदा खुश हुए कि राजकुमार उनकी शर्ट पहनेंगे। दो दिन चीची ने देखा कि राजकुमार ने उस शर्ट का एक रुमाल बनवाकर अपनी जेब में रखा हुआ है।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:07 PM
वर्ष 1952 में प्रदर्शित फिल्म रंगीली मे सबसे पहले बतौर अभिनेता राजकुमार को काम करने का मौका मिला। वर्ष 1952 से वर्ष 1957 तक राजकुमार फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहे। फिल्म रंगीली के बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली वह उसे स्वीकार करते चले गए। इस बीच उन्होंने अनमोल सहारा- 1952, अवसर- 1953, घमंड- 1955, नीलमणि- 1957, कृष्ण सुदामा- 1957 जैसी कई फिल्मों र्मे अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:08 PM
वर्ष 1957 में प्रदर्शित महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया में राजकुमार गांव के एक किसान की छोटी सी भूमिका में दिखाई दिए। हालांकि यह फिल्म पूरी तरह अभिनेत्री नरगिस पर केन्द्रित थी फिर भी राजकुमार अपनी छोटी सी भूमिका में अपने अभिनय की छाप छोड़ने में कामयाब रहे। इस फिल्म में उनके दमदार अभिनय के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति भी मिली और फिल्म की सफलता के बाद राजकुमार बतौर अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गए। वर्ष 1959 में प्रदर्शित फिल्म पैगाम में उनके सामने हिन्दी फिल्म जगत के अभिनय सम्राट दिलीप कुमार थे लेकिन राजकुमार ने यहां भी अपनी सशक्त भूमिका के जरिये दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहे। इसके बाद राजकुमार दिल अपना और प्रीत पराई-1960, घराना- 1961, गोदान- 1963, दिल एक मंदिर- 1964, दूज का चांद- 1964 जैसी फिल्मों मे मिली कामयाबी के जरिये राज कुमार दर्शको के बीच अपने अभिनय की धाक जमाते हुए ऐसी स्थिति में पहुंच गये जहां वह फिल्म में अपनी भूमिका स्वयं चुन सकते थे। वर्ष 1965 में प्रदर्शित फिल्म काजल की जबर्दस्त कामयाबी के बाद राजकुमार बतौर अभिनेता अपनी अलग पहचान बना ली। वर्ष 1965 बी.आर .चोपड़ा की फिल्म वक्त में अपने लाजवाब अभिनय से वह एक बार फिर से अपनी ओर दर्शक का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहे। फिल्म वक्त में राजकुमार का बोला गया एक संवाद चिनाय सेठ जिनके घर शीशे के बने होते है वो दूसरों पे पत्थर नहीं फेंका करते या फिर चिनाय सेठ ये छुरी बच्चों के खेलने की चीज नहीं हाथ कट जाये तो खून निकल आता है दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। फिल्म वक्त की कामयाबी से राज कुमार शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचे। ऐसी स्थिति जब किसी अभिनेता के सामने आती है तो वह मनमानी करने लगता है और फ्रेम दर फे्रम छा जाने की उसकी प्रवृति बढ़ती जाती है और जल्द ही वह किसी खास इमेज में भी बंध जाता है। लेकिन राज कुमार कभी भी किसी खास इमेज में नही बंधे इसलिये अपनी इन फिल्मो की कामयाबी के बाद भी उन्होंने हमराज- 1967, नीलकमल- 1968, मेरे हूजूर- 1968, हीर रांझा- 1970 और पाकीजा- 1971 में रूमानी भूमिका भी स्वीकार की जो उनके फिल्मी चरित्र से मेल नहीं खाती थी बावजूद इसके राजकुमार यहां भी दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:09 PM
कमाल अमरोही फिल्म पाकीजा पूरी तरह से मीना कुमारी पर केन्द्रित फिल्म थी बावजूद इसके राजकुमार ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहे। फिल्म पाकीजा में राजकुमार का बोला गया एक संवाद आपके पांव देखे बहुत हसीन हैं इन्हें जमीन पर मत उतारियेगा मैले हो जायेगें इस कदर लोकप्रिय हुआ कि लोग गाहे बगाहे राजकुमार की आवाज की नकल करने लगे। वर्ष 1978 में प्रदर्शित फिल्म कर्मयोगी में राजकुमार के अभिनय और विविधता के नए आयाम दर्शकों को देखने को मिले इस फिल्म में उन्होंने दो अलग-अलग भूमिकाओं में अपने अभिनय की छाप छोड़ी। अभिनय में एकरुपता से बचने और स्वयं को चरित्र अभिनेता के रूप में भी स्थापित करने के लिए राजकुमार ने अपने को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया। इस क्रम में वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म बुलंदी में वह चरित्र भूमिका निभाने से भी नही हिचके और इस फिल्म के जरिए भी उन्होंने दर्शको का मन मोहे रखा।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:09 PM
इसके बाद राजकुमार ने कुदरत- 1981, धर्मकांटा- 1982, शरारा- 1984, राजतिलक- 1984, एक नयी पहेली- 1984, मरते दम तक- 1987, सूर्या- 1989, जंगबाज- 1989, पुलिस पब्लिक- 1990 जैसी कई सुपरहिट फिल्मों के जरिये दर्शको के दिल पर राज किया। वर्ष 1991 में प्रदर्शित फिल्म सौदागर में राज कुमार के अभिनय के नये आयाम देखने को मिले। सुभाष घई की निर्मित फिल्म सौदागर र्मे दिलीप कुमार और राज कुमार वर्ष 1959 में प्रदर्शित पैगाम के बाद दूसरी बार आमने सामने थे। फिल्म में दिलीप कुमार और राजकुमार जैसे अभिनय की दुनिया के दोनो महारथी का टकराव देखने लायक था। फिल्म सौदागर में राजकुमार का बोला एक संवाद दुनिया जानती है कि राजेश्वर सिंह जब दोस्ती निभाता है तो अफसाने बन जाते हैं मगर दुश्मनी करता है तो इतिहास लिखे जाते है आज भी सिने प्रेमियों के दिमाग में गूंजता रहता है। नब्बे के दशक में राजकुमार ने फिल्मों मे काम करना काफी कम कर दिया। इस दौरान राजकुमार की तिरंगा- 1992, पुलिस और मुजरिम इंसानियत के देवता- 1993, बेताज बादशाह- 1994, जवाब- 1995, गॉड और गन जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:10 PM
नितांत अकेले रहने वाले राजकुमार ने शायद यह महसूस कर लिया था कि मौत उनके काफी करीब है इसीलिए अपने पुत्र पुरू राजकुमार को उन्होने अपने पास बुला लिया और कहा देखो मौत और जिंदगी इंसान का निजी मामला होता है। मेरी मौत के बारे में मेरे मित्र चेतन आनंद के अलावा और किसी को नहीं बताना। मेरा अंतिम संस्कार करने के बाद ही फिल्म उद्योग को सूचित करना। अपने संजीदा अभिनय से लगभग चार दशक तक दर्शकों के दिल पर राज करने वाले महान अभिनेता राजकुमार 3 जुलाई 1996 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।
sangeeta1
20-12-2013, 04:10 PM
Rajkumar ki sanwad bolne ka andaaz itna shaandar tha ki unke saamne acche acche kalakaar feeke sabit hote the
gill1313
14-09-2014, 05:53 PM
नितांत अकेले रहने वाले राजकुमार ने शायद यह महसूस कर लिया था कि मौत उनके काफी करीब है इसीलिए अपने पुत्र पुरू राजकुमार को उन्होने अपने पास बुला लिया और कहा देखो मौत और जिंदगी इंसान का निजी मामला होता है। मेरी मौत के बारे में मेरे मित्र चेतन आनंद के अलावा और किसी को नहीं बताना। मेरा अंतिम संस्कार करने के बाद ही फिल्म उद्योग को सूचित करना। अपने संजीदा अभिनय से लगभग चार दशक तक दर्शकों के दिल पर राज करने वाले महान अभिनेता राजकुमार 3 जुलाई 1996 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।
बहुत ही बढ़िया जान कारी दी है आपने मित्र
इसे आगे भी जारी रखें
शुक्रिया मित्र

बालीवुड सितारों के असली नाम


umabua
13-09-2013, 02:03 PM
हम बालीवुड के कलाकारों को उनके फ़िल्मी नामों अथवा परदे पर प्रदर्शित नामों से ही जानते हैं। अधिकांश कलाकारों के मूल नाम कुछ और ही होते हैं किन्तु परदे पर अवतरित होते ही नाम परिवर्तित हो जाते हैं। सूत्र में कुछ सितारों के नामों के विषय में चर्चा की जा रही है।
umabua
13-09-2013, 02:10 PM
सबसे पहले .........

सहस्त्राब्दी के कलाकार अमिताभ बच्चन ...

हम सभी जानते हैं कि 'बच्चन' न तो कोई नाम है और ना ही कोई जाति-उपजाति ही। श्री हरिवंश राय श्रीवास्तव जी का साहित्यिक नाम 'बच्चन' था जिसे उनकी सन्तति ने अपना लिया। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि श्री हरिवंश राय जी ने जन्म के समय अपने ज्येष्ठ पुत्र का नाम 'इन्कलाब' रखा था। किन्तु बाद में विद्यालय में इन्कलाब का नाम अमिताभ श्रीवास्तव लिखा गया जो कि कालान्तर में सम्पूर्ण विश्व में अमिताभ बच्चन के नाम से जाना गया।

788903
umabua
13-09-2013, 02:12 PM
आज के बहुचर्चित सितारे सैफ अली खान के पासपोर्ट में उनका नाम 'साजिद अली खान' लिखा हुआ है।



788904
umabua
13-09-2013, 02:16 PM
आज के ही मैन सलमान खान का मूल नाम किसी मुगलकालीन शासक का नाम जैसा प्रतीत होता है ........ ज़रा गौर फरमाइए ...

अब्दुल रशीद सलीम सलमान खान


788905
umabua
13-09-2013, 02:18 PM
आखिर सनी लिओन को भारतीय क्यों कहा जाता है ?

क्योंकि ये एक पंजाबी परिवार से सम्बन्ध रखती हैं और उनका मूल नाम " करनजीत कौर वोहरा" है।


788906
umabua
13-09-2013, 02:19 PM
प्रीती जिंटा का मूल नाम "प्रीतम जिंटा सिंह" है और वे एक पंजाबी परिवार को बिलांग करती हैं।


788907
umabua
13-09-2013, 02:22 PM
कटरीना कैफ का नाम कटरीना क्यों पडा?

क्योंकि कटरीना का जन्म हांगकांग के कटरीना तर्कोटे (katrina turquotte) नाम शहर में हुआ था।



788908
umabua
13-09-2013, 02:23 PM
हिस्स गर्ल मल्लिका शेरावत का नाम मूल नाम "रीमा लाम्बा" है।


788909
CHHUPA RUSTEM
13-09-2013, 11:40 PM
बहुत अच्छी जानकारी है दी है मित्र|
फिल्मी दुनिया के अलावा अन्य क्षेत्रोँ मेँ भी अनेको व्यक्ति अपने उपनाम से ही लोकप्रिय हो पाये हैँ |
virat143
14-09-2013, 02:44 AM
सबसे पहले .........

सहस्त्राब्दी के कलाकार अमिताभ बच्चन ...

हम सभी जानते हैं कि 'बच्चन' न तो कोई नाम है और ना ही कोई जाति-उपजाति ही। श्री हरिवंश राय श्रीवास्तव जी का साहित्यिक नाम 'बच्चन' था जिसे उनकी सन्तति ने अपना लिया। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि श्री हरिवंश राय जी ने जन्म के समय अपने ज्येष्ठ पुत्र का नाम 'इन्कलाब' रखा था। किन्तु बाद में विद्यालय में इन्कलाब का नाम अमिताभ श्रीवास्तव लिखा गया जो कि कालान्तर में सम्पूर्ण विश्व में अमिताभ बच्चन के नाम से जाना गया।

788903
बहुत अच्छी जानकारी है
virat143
14-09-2013, 02:46 AM
हिस्स गर्ल मल्लिका शेरावत का नाम मूल नाम "रीमा लाम्बा" है।


788909
जी बुआजी और लाम्बा इनके पिताजी का सरनामे था
शेरावत इन्होने अपनी माँ का सरनेम लिया हुआ है
virat143
14-09-2013, 02:47 AM
प्रीती जिंटा का मूल नाम "प्रीतम जिंटा सिंह" है और वे एक पंजाबी परिवार को बिलांग करती हैं।


788907
धन्यवाद बुआजी इतनी सुंदर जानकारी के लिए
virat143
14-09-2013, 02:49 AM
आखिर सनी लिओन को भारतीय क्यों कहा जाता है ?

क्योंकि ये एक पंजाबी परिवार से सम्बन्ध रखती हैं और उनका मूल नाम " करनजीत कौर वोहरा" है।


788906
क्या सच में ?
virat143
14-09-2013, 02:50 AM
आज के ही मैन सलमान खान का मूल नाम किसी मुगलकालीन शासक का नाम जैसा प्रतीत होता है ........ ज़रा गौर फरमाइए ...

अब्दुल रशीद सलीम सलमान खान


788905
वाह क्या बात है जहीलेअलम
virat143
14-09-2013, 02:51 AM
बुआजी बहुत अच्छी जानकारी दे रही हैं मजेदार भी रेपो+++ स्वीकार करे
virat143
14-09-2013, 02:52 AM
बुआजी बहुत अच्छी जानकारी दे रही हैं मजेदार भी रेपो+++ स्वीकार करे
माफ़ कीजियेगा किसी कारणवश रेपो नहीं दे पा रहा हु बट सुरु होते ही दूंगा
umabua
14-09-2013, 11:39 AM
छुपारुस्तम जी भावपूर्ण प्रविष्टि के लिए धन्यवाद। आपने सही कहा है कि फिल्मों के अलावा अन्य क्षेत्रों में बहुत से व्यक्ति अपने मूल नाम के बजाय अन्य नामों से पहचाने गए हैं। ऐसे क्षेत्रों में साहित्यिक (लेखक, कवि एवं शायर आदि) क्षेत्र प्रमुख है।
umabua
14-09-2013, 11:39 AM
विराट जी, आपकी भावपूर्ण प्रविष्टियाँ ही रेपो हैं। सूत्र भ्रमण के लिए हार्दिक धन्यवाद।
umabua
14-09-2013, 11:42 AM
भारतीय सिनेमा में अबतक की सर्वाधिक नयनाभिराम सौन्दर्य की स्वामिनी मधुबाला का मूल नाम "मुमताज जहाँ बेगम देहलवी" था।


789095
umabua
14-09-2013, 11:43 AM
दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत का मूल नाम "शिवाजी राव गायकवाड" है।


789096
umabua
14-09-2013, 11:43 AM
परदेश फिल्म में आने से पहले महिमा चौधरी का नाम "रितु चौधरी" था। सुभाष घई जी अपनी पिछली अभिनेत्रियों (माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला आदि) के नाम के प्रथम अक्षर को लकी मानते हुए रितु का नाम महिमा कर दिया था।


789097
umabua
14-09-2013, 11:44 AM
कमल हासन एक तमिल अयंगार परिवार में जन्मे हैं और इनका मूल नाम "पार्थसारथी" है।


789098
umabua
14-09-2013, 11:45 AM
मलयाली पिता और पारसी माँ के बेटे जॉन अब्राहम का मूल पारसी नाम "फरहान" है। किन्तु फरहान अब्राहम के बजाय फिल्म जगत में इन्हें जान अब्राहम के नाम से जाना जाता है।

789099
umabua
14-09-2013, 11:46 AM
याहू कपूर के नाम से मशहूर शम्मी कपूर का मूल नाम "शमशेर राज कपूर" था।

789100
virat143
14-09-2013, 12:47 PM
क्या बात है बुआजी बहुत खूब मजा आ गया जानकारी पढ़कर
umabua
16-09-2013, 12:48 PM
बैंकाक के एक होटल में कुक का कार्य करने वाले राजीव हरी ओम भाटिया की जब किस्मत पलटी तो बालीवुड में अक्षय कुमार के नाम से चमकने लगे ............789584
umabua
16-09-2013, 12:49 PM
विरार के छोरा गोविंदा का वास्तविक नाम गोविन्द अरुण आहुजा है।


789585
umabua
16-09-2013, 12:53 PM
धर्मेद्र सिंह देओल के कनिष्ठ पुत्र विजय सिंह देओल ने जब फ़िल्मी दुनिया में झांका तो उन्हें अपना पेट्नेम 'बाबी' ही भाया और ग्लैमर की दुनिया में बाबी देओल कहे गए।
789586
umabua
16-09-2013, 12:56 PM
फाईट मास्टर वीरू देवगन के पुत्र का नाम विशाल देवगन था किन्तु जब 'फूल और कांटे' फिल्म की कास्टिंग हुयी तब इस नाम के स्थान पर अजय देवगन लिखा गया। बाद में अंकशास्त्र की हिदायत के अनुसार अजय देवगन ने 'देवगन' शब्द की अंगरेजी वर्तनी से एक 'ए' हटा दिया devagan के बजाय devgan लिखा जाने लगा।
789587
umabua
16-09-2013, 01:00 PM
अन्य दक्षिण भारतीय कलाकारों के नाम भाँति बालीवुड की सदासुन्दरी सौन्दर्यप्रतिमा रेखा का असली नाम उनके पिता जेमिनी गणेशन के साथ जुड़ कर " रेखा भानुशाली गणेशन" है।


789588
umabua
16-09-2013, 01:03 PM
बालीवुड फिल्मों में बनावटी गहनों की आपूर्ति करने वाले सुदर्शन युवक रवि कपूर को जब वी शांताराम ने अपनी फिल्म " गीत गाया पत्थरों ने " के लिए नायक चुना तब इसका नाम जीतेंद्र कर दिया गया। बाद में बालीवुड में यह 'जम्पिंग जैक' के नाम से जाने गए। ईश्वर पर गहरी आस्था के कारण इनके गले और दोनों बाजुओं में गंडा-ताबीजों की मालाएं बंधी रहती हैं।

789589
umabua
16-09-2013, 01:03 PM
कौन जानता था कि जान प्रकाश राव जांमाला नाम का बंबई सिटी बस का कंडक्टर एक दिन फिल्मों में नाम कमाएगा। यह कंडक्टर और कोई नहीं बल्कि जानी लीवर नामक मिमिक्री और हास्य अभिनेता ही हैं।

789590
virat143
16-09-2013, 07:32 PM
वाह बुआजी बहुत बढ़िया लगी रहो
sangeeta1
19-12-2013, 12:34 PM
Buaji aapki kami munch ka khal rhi he
Kamal Ji
19-12-2013, 01:17 PM
दिलीप कुमार (जन्म 11दिसम्बर 1922,जन्म का नाम: यूसुफ़ ख़ान), यह पेशावर ( अब पाकिस्तान )में हुआ था. हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय अभिनेता और भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा के सदस्य है। दिलीप कुमार को उनके दौर का बेहतरीन अभिनेता माना जाता है, त्रासद या दु:खद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजिडी किंग' भी कहा जाता था। उन्हें भारतीय फिल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरूस्कार से सम्मानित किया गया है, इसके अलावा दिलीप कुमार को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से भी सम्मानित किया गया है।

812198

दिलीप कुमार के 89वें जन्*मदिन (11 दिसंबर 2011) की तस्वीरः इस मौके पर खास अंदाज में दिलीप कुमार व शायरा बानो.
Kamal Ji
19-12-2013, 01:21 PM
जॉनी वॉकर (जन्म 15 मई 1923 - निधन 29 जुलाई 2003 ) भारत के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता का स्क्रीन नाम था, इनका मूल नाम बहरुद्दीन जमालुद्दीन काज़ी था।

जानी वाकर हिन्दि फिल्म जगत के एक जाने माने हास्य अभिनेता रहे हैं जो किसी परिच्हय का मोह्ताज नही हैं। १५ मई १९२३ को जन्मे इस अभिनेता का अस्ली नाम बद्रुद्दिन जमालुद्दिन काजी था।


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Kamal Ji
19-12-2013, 01:28 PM
राजेन्द्र कुमार का नाम राजेन्द्र कुमार ही था.(२० जुलाई १९२९ – १२ जुलाई १९९९) ६० तथा ७० के दशकों में बॉलीवुड के सफलतम अभिनेताओं में से एक थे। ८० के दशक में वह कई फिल्मों के निर्माता थे जिनमें उनके पुत्र कुमार गौरव ने अभिनय किया है। उनका जन्म पाकिस्तान , पंजाब प्रान्त के सियालकोट शहर में हुआ था[Only registered and activated users can see links] EtRxehR16nHsJjYgoX4
Kamal Ji
19-12-2013, 01:32 PM
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प्रख्यात चरित्र अभिनेता प्राण का शुक्रवार को निधन हो गया। अस्वस्थ प्राण को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने रात 8.30 बजे अंतिम सांस ली। वह 93 वर्ष के थे। प्राण को इस साल दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया था। प्राण ने 40 के दशक में अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। शुरुआत की कुछ फिल्मों में उन्होंने नायक की भूमिका निभाई लेकिन उन्हें पहचान मिली खलनायक की भूमिक से। उन्होंने प्रमुख रूप से जिद्दी, बड़ी बहन, उपकार, जंजीर, डॉन, अमर अकबर एंथनी और शराबी जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया।

#प्राण का वास्तविक नाम प्राण किशन सिकन्द है।

#प्राण एक्टर नहीं बल्कि फोटोग्राफर बनना चाहते थे। उन्होंने सबसे पहले अपने शहर की रामलीला में सीता का किरदार निभाया था।

#प्राण की पहली फिल्म पंजाबी में थी। फिल्म का नाम था यमला जट जो 1940 में आई थी।

#प्राण ने हिंदी और पंजाबी फिल्मों के अलावा बंगाली फिल्मों में भी काम किया था।

#भारत की आजादी से एक दिन पहले यानि 14 अगस्त 1947 को प्राण लाहौर से पाकिस्तान आए थे। प्राण के मुताबिक विभाजन के वक्त जो सबसे कीमती चीज उन्होंने खोई थी वो उनका कुत्ता था।

#प्राण को मुंबई आने के बाद पहली बार हिंदी फिल्म में मौका लेखक सआदत हसन मंटो की मदद से मिला था। फिल्म थी 1948 में आई देवानंद और कामिनी कौशल स्टारर जिद्दी।

#मुंबई आने के बाद प्राण की पहली सबसे बड़ी हिट फिल्म थी बीआर चोपड़ा की अफसाना (1951)

#प्राण और अशोक कुमार ने एक साथ करीब 30 फिल्मों में काम किया। दोनों काफी करीबी दोस्त माने जाते थे।

#कई नेगेटिव रोल निभाने के बाद 1967 में मनोज कुमार ने फिल्म उपकार में उन्हें एक विकलांग का किरदार निभाने का मौका दिया।

#प्राण ने धार्मिक फिल्म लव कुश में वाल्मिकी का किरदार भी निभाया।

#प्राण अपने मेकअप का खास ध्यान रखते थे और अपने घर पर आर्टिस्ट से अपना स्केच बनवाते थे उसके बाद अपना लुक तय करते थे।

#फिल्म जंजीर में अमिताभ बच्चन को लेने की सलाह प्राण ने ही प्रकाश मेहरा को दी थी।

#1969 से 1982 तक प्राण की कामयाबी का ऐसा दौर भी आया जब उन्हें फिल्म के हीरो से भी ज्यादा पैसे दिए जाने लगे। उस दौर में उन्हें अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा दैसे बड़े सितारों से भी ज्यादा फीस मिलती थी।

#1990 के बाद प्राण ने फिल्मों में काम करना लगभग बंद कर दिया। लेकिन अमिताभ बच्चन के विशेष आग्रह पर उन्होंने फिल्म मृत्युदाता और तेरे मेरे सपने में काम किया।

#प्राण का एक फुटबॉल क्लब भी है जिसका नाम बॉम्बे डायनामोज फुटबॉल क्लब है।

#प्राण अक्सर अपनी फिल्मों में एक शब्द का जरुर इस्तेमाल करते थे। ये शब्द था बर्खुरदार। कहते हैं ये उनका पसंदीदा शब्द है।

#2001 में प्राण को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया और अब उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।

#प्राण ने अपने किरदारों को इतनी शिद्दत से निभाया कि लोग मानने लगे कि वो निजी जिंदगी में भी विलेन ही हैं। यहां तक की जिस दौर में प्राण हिट हुए लोगों ने अपने बच्चों का नाम प्राण रखना बंद कर दिया था। प्राण नाम के बच्चे की खोज के लिए बाकायदा एक प्रतियोगिता भी रखी गई थी।

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sangeeta1
19-12-2013, 01:34 PM
Kamal ji aapko ye jaankar tajub hogo jonny leaver ji apna naam jonny warkar se bhut jyada prerit the is liye unone apna jonny rkha tha shayad jesa maine suna he
Kamal Ji
19-12-2013, 01:44 PM
संजीव कुमार (अंग्रेजी : Sanjeev Kumar,गुजराती : હરિભાઈ જરીવાલા, जन्म : 9 जुलाई 1938, मृत्यु : 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फिल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फिल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नई रात फिल्म में नौ रोल किये थे। कोशीश फिल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फिल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया।

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उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुँवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1984 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1984 तक पूरे पच्चीस साल तक वे लगातार फिल्मों में सक्रिय रहे।

उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फिल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा।
Kamal Ji
19-12-2013, 01:46 PM
Kamal ji aapko ye jaankar tajub hogo jonny leaver ji apna naam jonny warkar se bhut jyada prerit the is liye unone apna jonny rkha tha shayad jesa maine suna he

धन्यवाद संगीता जी आपका... आपका संगीत हमेशा इसी तरह इस फोरम पर बजता रहे....
Kamal Ji
19-12-2013, 01:54 PM
हेमा मालिनी का जन्म १६ अक्तूबर १९४६ में तमिलनाडु में हुआ था। बालीवुड की यह अभिनेत्री भरत्नाट्यम की एक बेहतरीन नृत्यांगना है। शोले फिल्म से मशहूर हुई इस अभिनेत्री की दो बेटियां हैं-बडी बेटी एशा देयोल और छोटी बेटी आह्न्ना देयोल, यह तिकडी कई चैरिटेबल कार्यक्रम भी प्रस्तुत करती हैं। फिल्म शोले के बाद अभिनेता धर्मेंद्र से हेमा ने शादी कर ली। धर्मेंद्र शादीशुदा थे और उनके चार बच्चे थे। धर्म से हिन्दू होने के कारण धर्मेंद्र अपनी पहली ब्याहता प्रकाश कौर के रहते तलाक दिए बिना दूसरी शादी नहीं कर सकते थे, इस कारण शादी करने के लिए धर्मेँद्र और हेमा मालिनी ने इस्लाम धर्म अपना लिया और इस्लामी रीति-रिवाज से शादी की। धर्मेंद्र ने अपना नाम बदल कर दिलावर खान केवल किया जबकि हेमा मालिनी का नाम बदल कर आयशा किया गया। अय्यंगर ब्राह्मण परिवार में जन्मी इस अभिनेत्री की बडी बेटी एषा देयोल भी कई फिल्मों में काम कर चुकीं हैं। आह्न्ना को विज्ञापनों में देखा जा सकता है। हेमा मालिनी की मां जया चक्रवर्ती तमिल फिल्मों की प्रोड्यूसर थीं।

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Kamal Ji
19-12-2013, 02:09 PM
अशोक कुमार (बांगला : অশোক কুমার ; १३ अक्तूबर १९११, भागल पुर : कुमुद कुमार गांगुली - १० दिसंबर २००१,मुम्बई ) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। सन् १९९९ में भारत सरकार ने उन्हें कला के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया। ये महाराष्ट्र राज्य से थे।

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व्यक्तिगत जीवनहिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में दादा मुनि के नाम से मशहूर कुमार का जन्म एक मध्यम वर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था। अशोक कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मध्यप्रदेश के खंडवा शहर में प्राप्त की। बाद मे उन्होंने अपनी स्नातक की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की। इस दौरान उनकी दोस्ती शशधर मुखर्जी से हुई। भाई बहनो में सबसे बड़े अशोक कुमार की बचपन से ही फिल्मों मे काम करके शोहरत की बुंलदियो पर पहुंचने की चाहत थी, लेकिन वह अभिनेता नहीं बल्कि निर्देशक बनना चाहते थे। अपनी दोस्ती को रिश्ते मे बदलते हुए अशोक कुमार ने अपनी इकलौती बहन की शादी शशधर से कर दी। सन 1934 मे न्यू थिएटर मे बतौर लेबोरेट्री असिस्टेंट काम कर रहे अशोक कुमार को उनके बहनोई शशधर मुखर्जी ने बाम्बे टॉकीज में अपने पास बुला लिया।
sangeeta1
19-12-2013, 02:45 PM
Ek mai yha baat bolna chaahti hu ki jonny warker ji bus me condector the or jonny leaver sahab hindustan leaver lmt. Me kaam krte the
sangeeta1
19-12-2013, 02:47 PM
Kamal ji thanx
Kamal Ji
19-12-2013, 03:54 PM
Ek mai yha baat bolna chaahti hu ki jonny warker ji bus me condector the or jonny leaver sahab hindustan leaver lmt. Me kaam krte the


Kamal ji thanx


संगीता जी आपका पुनः आभार सूत्र पर आने व अपने विचारों से अवगत कराने का.
Kamal Ji
19-12-2013, 04:07 PM
राज कुमार (जन्म: 8 अक्टूबर1926 निधन:3 जुलाई 1996) हिंदी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। राज कुमार ही इनका वास्तविक नाम था.


व्यक्तिगत जीवनराजकुमार का जन्म पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत में आठ अक्तूबर 1926 को एक मध्यम वर्गीय कश्मीरी बाह्मण परिवार में हुआ था। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजकुमार मुंबई के माहिम पुलिस स्टेशन में बतौर सब इंस्पेक्टर काम करने लगे। राजकुमार मुंबई के जिस थाने मे कार्यरत थे वहां अक्सर फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों का आना-जाना लगा रहता था। एक बार पुलिस स्टेशन में फिल्म निर्माता कुछ जरूरी काम के लिए आए हुए थे और वह राजकुमार के बातचीत करने के अंदाज से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने राजकुमार को यह सलाह दी कि अगर आप फिल्म अभिनेता बनने की ओर कदम रखे तो उसमे काफी सफल हो सकते है। राजकुमार को फिल्म निर्माता की बात काफी अच्छी लगी। इसके कुछ समय बाद राजकुमार ने अपनी नौकरी छोड़ दी और फिल्मों में बतौर अभिनेता बनने की ओर अपना रूख कर लिया
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राजकुमार की 3 जुलाई को पुण्यतिथि है तो आइए याद करते हैं उनसे जुड़े कुछ किस्से। राजकुमार बेहद मुंहफट आदमी थे। जो दिल में आता था, उसे शब्दों का बाण बनाकर सामने वाले पर दाग देते थे। ये बात तो सोचते भी नहीं थे कि सामने वाले को इसका बुरा लगेगा या नहीं। पेश हैं कुछ ऐसे किस्से, जो बॉलीवुड में बहुत मशहूर हैं। ये कितने सही हैं या गलत, ये तो हम नहीं बता सकते, लेकिन इन्हें खूब चटखारे लेकर सुनाया गया।

राजकुमार और गोविंदा एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। गोविंदा झकाझक शर्ट पहने हुए राजकुमार के साथ शूटिंग खत्म होने के बाद वक्त बिता रहे थे।। राजकुमार ने गोविंदा से कहा यार तुम्हारी शर्ट बहुत शानदार है। चीची इतने बड़े आर्टिस्ट की यह बात सुनकर बहुत खुश हो गए। उन्होंने कहा कि सर आपको यह शर्ट पसंद आ रही है तो आप रख लीजिए। राजकुमार ने गोविंदा से शर्ट ले ली। गोविंदा खुश हुए कि राजकुमार उनकी शर्ट पहनेंगे। दो दिन चीची ने देखा कि राजकुमार ने उस शर्ट का एक रुमाल बनवाकर अपनी जेब में रखा हुआ है।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:07 PM
वर्ष 1952 में प्रदर्शित फिल्म रंगीली मे सबसे पहले बतौर अभिनेता राजकुमार को काम करने का मौका मिला। वर्ष 1952 से वर्ष 1957 तक राजकुमार फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहे। फिल्म रंगीली के बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली वह उसे स्वीकार करते चले गए। इस बीच उन्होंने अनमोल सहारा- 1952, अवसर- 1953, घमंड- 1955, नीलमणि- 1957, कृष्ण सुदामा- 1957 जैसी कई फिल्मों र्मे अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:08 PM
वर्ष 1957 में प्रदर्शित महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया में राजकुमार गांव के एक किसान की छोटी सी भूमिका में दिखाई दिए। हालांकि यह फिल्म पूरी तरह अभिनेत्री नरगिस पर केन्द्रित थी फिर भी राजकुमार अपनी छोटी सी भूमिका में अपने अभिनय की छाप छोड़ने में कामयाब रहे। इस फिल्म में उनके दमदार अभिनय के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति भी मिली और फिल्म की सफलता के बाद राजकुमार बतौर अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गए। वर्ष 1959 में प्रदर्शित फिल्म पैगाम में उनके सामने हिन्दी फिल्म जगत के अभिनय सम्राट दिलीप कुमार थे लेकिन राजकुमार ने यहां भी अपनी सशक्त भूमिका के जरिये दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहे। इसके बाद राजकुमार दिल अपना और प्रीत पराई-1960, घराना- 1961, गोदान- 1963, दिल एक मंदिर- 1964, दूज का चांद- 1964 जैसी फिल्मों मे मिली कामयाबी के जरिये राज कुमार दर्शको के बीच अपने अभिनय की धाक जमाते हुए ऐसी स्थिति में पहुंच गये जहां वह फिल्म में अपनी भूमिका स्वयं चुन सकते थे। वर्ष 1965 में प्रदर्शित फिल्म काजल की जबर्दस्त कामयाबी के बाद राजकुमार बतौर अभिनेता अपनी अलग पहचान बना ली। वर्ष 1965 बी.आर .चोपड़ा की फिल्म वक्त में अपने लाजवाब अभिनय से वह एक बार फिर से अपनी ओर दर्शक का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहे। फिल्म वक्त में राजकुमार का बोला गया एक संवाद चिनाय सेठ जिनके घर शीशे के बने होते है वो दूसरों पे पत्थर नहीं फेंका करते या फिर चिनाय सेठ ये छुरी बच्चों के खेलने की चीज नहीं हाथ कट जाये तो खून निकल आता है दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। फिल्म वक्त की कामयाबी से राज कुमार शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचे। ऐसी स्थिति जब किसी अभिनेता के सामने आती है तो वह मनमानी करने लगता है और फ्रेम दर फे्रम छा जाने की उसकी प्रवृति बढ़ती जाती है और जल्द ही वह किसी खास इमेज में भी बंध जाता है। लेकिन राज कुमार कभी भी किसी खास इमेज में नही बंधे इसलिये अपनी इन फिल्मो की कामयाबी के बाद भी उन्होंने हमराज- 1967, नीलकमल- 1968, मेरे हूजूर- 1968, हीर रांझा- 1970 और पाकीजा- 1971 में रूमानी भूमिका भी स्वीकार की जो उनके फिल्मी चरित्र से मेल नहीं खाती थी बावजूद इसके राजकुमार यहां भी दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:09 PM
कमाल अमरोही फिल्म पाकीजा पूरी तरह से मीना कुमारी पर केन्द्रित फिल्म थी बावजूद इसके राजकुमार ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहे। फिल्म पाकीजा में राजकुमार का बोला गया एक संवाद आपके पांव देखे बहुत हसीन हैं इन्हें जमीन पर मत उतारियेगा मैले हो जायेगें इस कदर लोकप्रिय हुआ कि लोग गाहे बगाहे राजकुमार की आवाज की नकल करने लगे। वर्ष 1978 में प्रदर्शित फिल्म कर्मयोगी में राजकुमार के अभिनय और विविधता के नए आयाम दर्शकों को देखने को मिले इस फिल्म में उन्होंने दो अलग-अलग भूमिकाओं में अपने अभिनय की छाप छोड़ी। अभिनय में एकरुपता से बचने और स्वयं को चरित्र अभिनेता के रूप में भी स्थापित करने के लिए राजकुमार ने अपने को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया। इस क्रम में वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म बुलंदी में वह चरित्र भूमिका निभाने से भी नही हिचके और इस फिल्म के जरिए भी उन्होंने दर्शको का मन मोहे रखा।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:09 PM
इसके बाद राजकुमार ने कुदरत- 1981, धर्मकांटा- 1982, शरारा- 1984, राजतिलक- 1984, एक नयी पहेली- 1984, मरते दम तक- 1987, सूर्या- 1989, जंगबाज- 1989, पुलिस पब्लिक- 1990 जैसी कई सुपरहिट फिल्मों के जरिये दर्शको के दिल पर राज किया। वर्ष 1991 में प्रदर्शित फिल्म सौदागर में राज कुमार के अभिनय के नये आयाम देखने को मिले। सुभाष घई की निर्मित फिल्म सौदागर र्मे दिलीप कुमार और राज कुमार वर्ष 1959 में प्रदर्शित पैगाम के बाद दूसरी बार आमने सामने थे। फिल्म में दिलीप कुमार और राजकुमार जैसे अभिनय की दुनिया के दोनो महारथी का टकराव देखने लायक था। फिल्म सौदागर में राजकुमार का बोला एक संवाद दुनिया जानती है कि राजेश्वर सिंह जब दोस्ती निभाता है तो अफसाने बन जाते हैं मगर दुश्मनी करता है तो इतिहास लिखे जाते है आज भी सिने प्रेमियों के दिमाग में गूंजता रहता है। नब्बे के दशक में राजकुमार ने फिल्मों मे काम करना काफी कम कर दिया। इस दौरान राजकुमार की तिरंगा- 1992, पुलिस और मुजरिम इंसानियत के देवता- 1993, बेताज बादशाह- 1994, जवाब- 1995, गॉड और गन जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:10 PM
नितांत अकेले रहने वाले राजकुमार ने शायद यह महसूस कर लिया था कि मौत उनके काफी करीब है इसीलिए अपने पुत्र पुरू राजकुमार को उन्होने अपने पास बुला लिया और कहा देखो मौत और जिंदगी इंसान का निजी मामला होता है। मेरी मौत के बारे में मेरे मित्र चेतन आनंद के अलावा और किसी को नहीं बताना। मेरा अंतिम संस्कार करने के बाद ही फिल्म उद्योग को सूचित करना। अपने संजीदा अभिनय से लगभग चार दशक तक दर्शकों के दिल पर राज करने वाले महान अभिनेता राजकुमार 3 जुलाई 1996 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।
sangeeta1
20-12-2013, 04:10 PM
Rajkumar ki sanwad bolne ka andaaz itna shaandar tha ki unke saamne acche acche kalakaar feeke sabit hote the
gill1313
14-09-2014, 05:53 PM
नितांत अकेले रहने वाले राजकुमार ने शायद यह महसूस कर लिया था कि मौत उनके काफी करीब है इसीलिए अपने पुत्र पुरू राजकुमार को उन्होने अपने पास बुला लिया और कहा देखो मौत और जिंदगी इंसान का निजी मामला होता है। मेरी मौत के बारे में मेरे मित्र चेतन आनंद के अलावा और किसी को नहीं बताना। मेरा अंतिम संस्कार करने के बाद ही फिल्म उद्योग को सूचित करना। अपने संजीदा अभिनय से लगभग चार दशक तक दर्शकों के दिल पर राज करने वाले महान अभिनेता राजकुमार 3 जुलाई 1996 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।
बहुत ही बढ़िया जान कारी दी है आपने मित्र
इसे आगे भी जारी रखें
शुक्रिया मित्र

बालीवुड सितारों के असली नाम


umabua
13-09-2013, 02:03 PM
हम बालीवुड के कलाकारों को उनके फ़िल्मी नामों अथवा परदे पर प्रदर्शित नामों से ही जानते हैं। अधिकांश कलाकारों के मूल नाम कुछ और ही होते हैं किन्तु परदे पर अवतरित होते ही नाम परिवर्तित हो जाते हैं। सूत्र में कुछ सितारों के नामों के विषय में चर्चा की जा रही है।
umabua
13-09-2013, 02:10 PM
सबसे पहले .........

सहस्त्राब्दी के कलाकार अमिताभ बच्चन ...

हम सभी जानते हैं कि 'बच्चन' न तो कोई नाम है और ना ही कोई जाति-उपजाति ही। श्री हरिवंश राय श्रीवास्तव जी का साहित्यिक नाम 'बच्चन' था जिसे उनकी सन्तति ने अपना लिया। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि श्री हरिवंश राय जी ने जन्म के समय अपने ज्येष्ठ पुत्र का नाम 'इन्कलाब' रखा था। किन्तु बाद में विद्यालय में इन्कलाब का नाम अमिताभ श्रीवास्तव लिखा गया जो कि कालान्तर में सम्पूर्ण विश्व में अमिताभ बच्चन के नाम से जाना गया।

788903
umabua
13-09-2013, 02:12 PM
आज के बहुचर्चित सितारे सैफ अली खान के पासपोर्ट में उनका नाम 'साजिद अली खान' लिखा हुआ है।



788904
umabua
13-09-2013, 02:16 PM
आज के ही मैन सलमान खान का मूल नाम किसी मुगलकालीन शासक का नाम जैसा प्रतीत होता है ........ ज़रा गौर फरमाइए ...

अब्दुल रशीद सलीम सलमान खान


788905
umabua
13-09-2013, 02:18 PM
आखिर सनी लिओन को भारतीय क्यों कहा जाता है ?

क्योंकि ये एक पंजाबी परिवार से सम्बन्ध रखती हैं और उनका मूल नाम " करनजीत कौर वोहरा" है।


788906
umabua
13-09-2013, 02:19 PM
प्रीती जिंटा का मूल नाम "प्रीतम जिंटा सिंह" है और वे एक पंजाबी परिवार को बिलांग करती हैं।


788907
umabua
13-09-2013, 02:22 PM
कटरीना कैफ का नाम कटरीना क्यों पडा?

क्योंकि कटरीना का जन्म हांगकांग के कटरीना तर्कोटे (katrina turquotte) नाम शहर में हुआ था।



788908
umabua
13-09-2013, 02:23 PM
हिस्स गर्ल मल्लिका शेरावत का नाम मूल नाम "रीमा लाम्बा" है।


788909
CHHUPA RUSTEM
13-09-2013, 11:40 PM
बहुत अच्छी जानकारी है दी है मित्र|
फिल्मी दुनिया के अलावा अन्य क्षेत्रोँ मेँ भी अनेको व्यक्ति अपने उपनाम से ही लोकप्रिय हो पाये हैँ |
virat143
14-09-2013, 02:44 AM
सबसे पहले .........

सहस्त्राब्दी के कलाकार अमिताभ बच्चन ...

हम सभी जानते हैं कि 'बच्चन' न तो कोई नाम है और ना ही कोई जाति-उपजाति ही। श्री हरिवंश राय श्रीवास्तव जी का साहित्यिक नाम 'बच्चन' था जिसे उनकी सन्तति ने अपना लिया। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि श्री हरिवंश राय जी ने जन्म के समय अपने ज्येष्ठ पुत्र का नाम 'इन्कलाब' रखा था। किन्तु बाद में विद्यालय में इन्कलाब का नाम अमिताभ श्रीवास्तव लिखा गया जो कि कालान्तर में सम्पूर्ण विश्व में अमिताभ बच्चन के नाम से जाना गया।

788903
बहुत अच्छी जानकारी है
virat143
14-09-2013, 02:46 AM
हिस्स गर्ल मल्लिका शेरावत का नाम मूल नाम "रीमा लाम्बा" है।


788909
जी बुआजी और लाम्बा इनके पिताजी का सरनामे था
शेरावत इन्होने अपनी माँ का सरनेम लिया हुआ है
virat143
14-09-2013, 02:47 AM
प्रीती जिंटा का मूल नाम "प्रीतम जिंटा सिंह" है और वे एक पंजाबी परिवार को बिलांग करती हैं।


788907
धन्यवाद बुआजी इतनी सुंदर जानकारी के लिए
virat143
14-09-2013, 02:49 AM
आखिर सनी लिओन को भारतीय क्यों कहा जाता है ?

क्योंकि ये एक पंजाबी परिवार से सम्बन्ध रखती हैं और उनका मूल नाम " करनजीत कौर वोहरा" है।


788906
क्या सच में ?
virat143
14-09-2013, 02:50 AM
आज के ही मैन सलमान खान का मूल नाम किसी मुगलकालीन शासक का नाम जैसा प्रतीत होता है ........ ज़रा गौर फरमाइए ...

अब्दुल रशीद सलीम सलमान खान


788905
वाह क्या बात है जहीलेअलम
virat143
14-09-2013, 02:51 AM
बुआजी बहुत अच्छी जानकारी दे रही हैं मजेदार भी रेपो+++ स्वीकार करे
virat143
14-09-2013, 02:52 AM
बुआजी बहुत अच्छी जानकारी दे रही हैं मजेदार भी रेपो+++ स्वीकार करे
माफ़ कीजियेगा किसी कारणवश रेपो नहीं दे पा रहा हु बट सुरु होते ही दूंगा
umabua
14-09-2013, 11:39 AM
छुपारुस्तम जी भावपूर्ण प्रविष्टि के लिए धन्यवाद। आपने सही कहा है कि फिल्मों के अलावा अन्य क्षेत्रों में बहुत से व्यक्ति अपने मूल नाम के बजाय अन्य नामों से पहचाने गए हैं। ऐसे क्षेत्रों में साहित्यिक (लेखक, कवि एवं शायर आदि) क्षेत्र प्रमुख है।
umabua
14-09-2013, 11:39 AM
विराट जी, आपकी भावपूर्ण प्रविष्टियाँ ही रेपो हैं। सूत्र भ्रमण के लिए हार्दिक धन्यवाद।
umabua
14-09-2013, 11:42 AM
भारतीय सिनेमा में अबतक की सर्वाधिक नयनाभिराम सौन्दर्य की स्वामिनी मधुबाला का मूल नाम "मुमताज जहाँ बेगम देहलवी" था।


789095
umabua
14-09-2013, 11:43 AM
दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत का मूल नाम "शिवाजी राव गायकवाड" है।


789096
umabua
14-09-2013, 11:43 AM
परदेश फिल्म में आने से पहले महिमा चौधरी का नाम "रितु चौधरी" था। सुभाष घई जी अपनी पिछली अभिनेत्रियों (माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला आदि) के नाम के प्रथम अक्षर को लकी मानते हुए रितु का नाम महिमा कर दिया था।


789097
umabua
14-09-2013, 11:44 AM
कमल हासन एक तमिल अयंगार परिवार में जन्मे हैं और इनका मूल नाम "पार्थसारथी" है।


789098
umabua
14-09-2013, 11:45 AM
मलयाली पिता और पारसी माँ के बेटे जॉन अब्राहम का मूल पारसी नाम "फरहान" है। किन्तु फरहान अब्राहम के बजाय फिल्म जगत में इन्हें जान अब्राहम के नाम से जाना जाता है।

789099
umabua
14-09-2013, 11:46 AM
याहू कपूर के नाम से मशहूर शम्मी कपूर का मूल नाम "शमशेर राज कपूर" था।

789100
virat143
14-09-2013, 12:47 PM
क्या बात है बुआजी बहुत खूब मजा आ गया जानकारी पढ़कर
umabua
16-09-2013, 12:48 PM
बैंकाक के एक होटल में कुक का कार्य करने वाले राजीव हरी ओम भाटिया की जब किस्मत पलटी तो बालीवुड में अक्षय कुमार के नाम से चमकने लगे ............789584
umabua
16-09-2013, 12:49 PM
विरार के छोरा गोविंदा का वास्तविक नाम गोविन्द अरुण आहुजा है।


789585
umabua
16-09-2013, 12:53 PM
धर्मेद्र सिंह देओल के कनिष्ठ पुत्र विजय सिंह देओल ने जब फ़िल्मी दुनिया में झांका तो उन्हें अपना पेट्नेम 'बाबी' ही भाया और ग्लैमर की दुनिया में बाबी देओल कहे गए।
789586
umabua
16-09-2013, 12:56 PM
फाईट मास्टर वीरू देवगन के पुत्र का नाम विशाल देवगन था किन्तु जब 'फूल और कांटे' फिल्म की कास्टिंग हुयी तब इस नाम के स्थान पर अजय देवगन लिखा गया। बाद में अंकशास्त्र की हिदायत के अनुसार अजय देवगन ने 'देवगन' शब्द की अंगरेजी वर्तनी से एक 'ए' हटा दिया devagan के बजाय devgan लिखा जाने लगा।
789587
umabua
16-09-2013, 01:00 PM
अन्य दक्षिण भारतीय कलाकारों के नाम भाँति बालीवुड की सदासुन्दरी सौन्दर्यप्रतिमा रेखा का असली नाम उनके पिता जेमिनी गणेशन के साथ जुड़ कर " रेखा भानुशाली गणेशन" है।


789588
umabua
16-09-2013, 01:03 PM
बालीवुड फिल्मों में बनावटी गहनों की आपूर्ति करने वाले सुदर्शन युवक रवि कपूर को जब वी शांताराम ने अपनी फिल्म " गीत गाया पत्थरों ने " के लिए नायक चुना तब इसका नाम जीतेंद्र कर दिया गया। बाद में बालीवुड में यह 'जम्पिंग जैक' के नाम से जाने गए। ईश्वर पर गहरी आस्था के कारण इनके गले और दोनों बाजुओं में गंडा-ताबीजों की मालाएं बंधी रहती हैं।

789589
umabua
16-09-2013, 01:03 PM
कौन जानता था कि जान प्रकाश राव जांमाला नाम का बंबई सिटी बस का कंडक्टर एक दिन फिल्मों में नाम कमाएगा। यह कंडक्टर और कोई नहीं बल्कि जानी लीवर नामक मिमिक्री और हास्य अभिनेता ही हैं।

789590
virat143
16-09-2013, 07:32 PM
वाह बुआजी बहुत बढ़िया लगी रहो
sangeeta1
19-12-2013, 12:34 PM
Buaji aapki kami munch ka khal rhi he
Kamal Ji
19-12-2013, 01:17 PM
दिलीप कुमार (जन्म 11दिसम्बर 1922,जन्म का नाम: यूसुफ़ ख़ान), यह पेशावर ( अब पाकिस्तान )में हुआ था. हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय अभिनेता और भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा के सदस्य है। दिलीप कुमार को उनके दौर का बेहतरीन अभिनेता माना जाता है, त्रासद या दु:खद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजिडी किंग' भी कहा जाता था। उन्हें भारतीय फिल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरूस्कार से सम्मानित किया गया है, इसके अलावा दिलीप कुमार को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से भी सम्मानित किया गया है।

812198

दिलीप कुमार के 89वें जन्*मदिन (11 दिसंबर 2011) की तस्वीरः इस मौके पर खास अंदाज में दिलीप कुमार व शायरा बानो.
Kamal Ji
19-12-2013, 01:21 PM
जॉनी वॉकर (जन्म 15 मई 1923 - निधन 29 जुलाई 2003 ) भारत के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता का स्क्रीन नाम था, इनका मूल नाम बहरुद्दीन जमालुद्दीन काज़ी था।

जानी वाकर हिन्दि फिल्म जगत के एक जाने माने हास्य अभिनेता रहे हैं जो किसी परिच्हय का मोह्ताज नही हैं। १५ मई १९२३ को जन्मे इस अभिनेता का अस्ली नाम बद्रुद्दिन जमालुद्दिन काजी था।


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Kamal Ji
19-12-2013, 01:28 PM
राजेन्द्र कुमार का नाम राजेन्द्र कुमार ही था.(२० जुलाई १९२९ – १२ जुलाई १९९९) ६० तथा ७० के दशकों में बॉलीवुड के सफलतम अभिनेताओं में से एक थे। ८० के दशक में वह कई फिल्मों के निर्माता थे जिनमें उनके पुत्र कुमार गौरव ने अभिनय किया है। उनका जन्म पाकिस्तान , पंजाब प्रान्त के सियालकोट शहर में हुआ था[Only registered and activated users can see links] EtRxehR16nHsJjYgoX4
Kamal Ji
19-12-2013, 01:32 PM
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प्रख्यात चरित्र अभिनेता प्राण का शुक्रवार को निधन हो गया। अस्वस्थ प्राण को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने रात 8.30 बजे अंतिम सांस ली। वह 93 वर्ष के थे। प्राण को इस साल दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया था। प्राण ने 40 के दशक में अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। शुरुआत की कुछ फिल्मों में उन्होंने नायक की भूमिका निभाई लेकिन उन्हें पहचान मिली खलनायक की भूमिक से। उन्होंने प्रमुख रूप से जिद्दी, बड़ी बहन, उपकार, जंजीर, डॉन, अमर अकबर एंथनी और शराबी जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया।

#प्राण का वास्तविक नाम प्राण किशन सिकन्द है।

#प्राण एक्टर नहीं बल्कि फोटोग्राफर बनना चाहते थे। उन्होंने सबसे पहले अपने शहर की रामलीला में सीता का किरदार निभाया था।

#प्राण की पहली फिल्म पंजाबी में थी। फिल्म का नाम था यमला जट जो 1940 में आई थी।

#प्राण ने हिंदी और पंजाबी फिल्मों के अलावा बंगाली फिल्मों में भी काम किया था।

#भारत की आजादी से एक दिन पहले यानि 14 अगस्त 1947 को प्राण लाहौर से पाकिस्तान आए थे। प्राण के मुताबिक विभाजन के वक्त जो सबसे कीमती चीज उन्होंने खोई थी वो उनका कुत्ता था।

#प्राण को मुंबई आने के बाद पहली बार हिंदी फिल्म में मौका लेखक सआदत हसन मंटो की मदद से मिला था। फिल्म थी 1948 में आई देवानंद और कामिनी कौशल स्टारर जिद्दी।

#मुंबई आने के बाद प्राण की पहली सबसे बड़ी हिट फिल्म थी बीआर चोपड़ा की अफसाना (1951)

#प्राण और अशोक कुमार ने एक साथ करीब 30 फिल्मों में काम किया। दोनों काफी करीबी दोस्त माने जाते थे।

#कई नेगेटिव रोल निभाने के बाद 1967 में मनोज कुमार ने फिल्म उपकार में उन्हें एक विकलांग का किरदार निभाने का मौका दिया।

#प्राण ने धार्मिक फिल्म लव कुश में वाल्मिकी का किरदार भी निभाया।

#प्राण अपने मेकअप का खास ध्यान रखते थे और अपने घर पर आर्टिस्ट से अपना स्केच बनवाते थे उसके बाद अपना लुक तय करते थे।

#फिल्म जंजीर में अमिताभ बच्चन को लेने की सलाह प्राण ने ही प्रकाश मेहरा को दी थी।

#1969 से 1982 तक प्राण की कामयाबी का ऐसा दौर भी आया जब उन्हें फिल्म के हीरो से भी ज्यादा पैसे दिए जाने लगे। उस दौर में उन्हें अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा दैसे बड़े सितारों से भी ज्यादा फीस मिलती थी।

#1990 के बाद प्राण ने फिल्मों में काम करना लगभग बंद कर दिया। लेकिन अमिताभ बच्चन के विशेष आग्रह पर उन्होंने फिल्म मृत्युदाता और तेरे मेरे सपने में काम किया।

#प्राण का एक फुटबॉल क्लब भी है जिसका नाम बॉम्बे डायनामोज फुटबॉल क्लब है।

#प्राण अक्सर अपनी फिल्मों में एक शब्द का जरुर इस्तेमाल करते थे। ये शब्द था बर्खुरदार। कहते हैं ये उनका पसंदीदा शब्द है।

#2001 में प्राण को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया और अब उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।

#प्राण ने अपने किरदारों को इतनी शिद्दत से निभाया कि लोग मानने लगे कि वो निजी जिंदगी में भी विलेन ही हैं। यहां तक की जिस दौर में प्राण हिट हुए लोगों ने अपने बच्चों का नाम प्राण रखना बंद कर दिया था। प्राण नाम के बच्चे की खोज के लिए बाकायदा एक प्रतियोगिता भी रखी गई थी।

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sangeeta1
19-12-2013, 01:34 PM
Kamal ji aapko ye jaankar tajub hogo jonny leaver ji apna naam jonny warkar se bhut jyada prerit the is liye unone apna jonny rkha tha shayad jesa maine suna he
Kamal Ji
19-12-2013, 01:44 PM
संजीव कुमार (अंग्रेजी : Sanjeev Kumar,गुजराती : હરિભાઈ જરીવાલા, जन्म : 9 जुलाई 1938, मृत्यु : 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फिल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फिल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नई रात फिल्म में नौ रोल किये थे। कोशीश फिल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फिल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया।

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उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुँवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1984 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1984 तक पूरे पच्चीस साल तक वे लगातार फिल्मों में सक्रिय रहे।

उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फिल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा।
Kamal Ji
19-12-2013, 01:46 PM
Kamal ji aapko ye jaankar tajub hogo jonny leaver ji apna naam jonny warkar se bhut jyada prerit the is liye unone apna jonny rkha tha shayad jesa maine suna he

धन्यवाद संगीता जी आपका... आपका संगीत हमेशा इसी तरह इस फोरम पर बजता रहे....
Kamal Ji
19-12-2013, 01:54 PM
हेमा मालिनी का जन्म १६ अक्तूबर १९४६ में तमिलनाडु में हुआ था। बालीवुड की यह अभिनेत्री भरत्नाट्यम की एक बेहतरीन नृत्यांगना है। शोले फिल्म से मशहूर हुई इस अभिनेत्री की दो बेटियां हैं-बडी बेटी एशा देयोल और छोटी बेटी आह्न्ना देयोल, यह तिकडी कई चैरिटेबल कार्यक्रम भी प्रस्तुत करती हैं। फिल्म शोले के बाद अभिनेता धर्मेंद्र से हेमा ने शादी कर ली। धर्मेंद्र शादीशुदा थे और उनके चार बच्चे थे। धर्म से हिन्दू होने के कारण धर्मेंद्र अपनी पहली ब्याहता प्रकाश कौर के रहते तलाक दिए बिना दूसरी शादी नहीं कर सकते थे, इस कारण शादी करने के लिए धर्मेँद्र और हेमा मालिनी ने इस्लाम धर्म अपना लिया और इस्लामी रीति-रिवाज से शादी की। धर्मेंद्र ने अपना नाम बदल कर दिलावर खान केवल किया जबकि हेमा मालिनी का नाम बदल कर आयशा किया गया। अय्यंगर ब्राह्मण परिवार में जन्मी इस अभिनेत्री की बडी बेटी एषा देयोल भी कई फिल्मों में काम कर चुकीं हैं। आह्न्ना को विज्ञापनों में देखा जा सकता है। हेमा मालिनी की मां जया चक्रवर्ती तमिल फिल्मों की प्रोड्यूसर थीं।

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Kamal Ji
19-12-2013, 02:09 PM
अशोक कुमार (बांगला : অশোক কুমার ; १३ अक्तूबर १९११, भागल पुर : कुमुद कुमार गांगुली - १० दिसंबर २००१,मुम्बई ) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। सन् १९९९ में भारत सरकार ने उन्हें कला के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया। ये महाराष्ट्र राज्य से थे।

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व्यक्तिगत जीवनहिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में दादा मुनि के नाम से मशहूर कुमार का जन्म एक मध्यम वर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था। अशोक कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मध्यप्रदेश के खंडवा शहर में प्राप्त की। बाद मे उन्होंने अपनी स्नातक की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की। इस दौरान उनकी दोस्ती शशधर मुखर्जी से हुई। भाई बहनो में सबसे बड़े अशोक कुमार की बचपन से ही फिल्मों मे काम करके शोहरत की बुंलदियो पर पहुंचने की चाहत थी, लेकिन वह अभिनेता नहीं बल्कि निर्देशक बनना चाहते थे। अपनी दोस्ती को रिश्ते मे बदलते हुए अशोक कुमार ने अपनी इकलौती बहन की शादी शशधर से कर दी। सन 1934 मे न्यू थिएटर मे बतौर लेबोरेट्री असिस्टेंट काम कर रहे अशोक कुमार को उनके बहनोई शशधर मुखर्जी ने बाम्बे टॉकीज में अपने पास बुला लिया।
sangeeta1
19-12-2013, 02:45 PM
Ek mai yha baat bolna chaahti hu ki jonny warker ji bus me condector the or jonny leaver sahab hindustan leaver lmt. Me kaam krte the
sangeeta1
19-12-2013, 02:47 PM
Kamal ji thanx
Kamal Ji
19-12-2013, 03:54 PM
Ek mai yha baat bolna chaahti hu ki jonny warker ji bus me condector the or jonny leaver sahab hindustan leaver lmt. Me kaam krte the


Kamal ji thanx


संगीता जी आपका पुनः आभार सूत्र पर आने व अपने विचारों से अवगत कराने का.
Kamal Ji
19-12-2013, 04:07 PM
राज कुमार (जन्म: 8 अक्टूबर1926 निधन:3 जुलाई 1996) हिंदी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। राज कुमार ही इनका वास्तविक नाम था.


व्यक्तिगत जीवनराजकुमार का जन्म पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत में आठ अक्तूबर 1926 को एक मध्यम वर्गीय कश्मीरी बाह्मण परिवार में हुआ था। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजकुमार मुंबई के माहिम पुलिस स्टेशन में बतौर सब इंस्पेक्टर काम करने लगे। राजकुमार मुंबई के जिस थाने मे कार्यरत थे वहां अक्सर फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों का आना-जाना लगा रहता था। एक बार पुलिस स्टेशन में फिल्म निर्माता कुछ जरूरी काम के लिए आए हुए थे और वह राजकुमार के बातचीत करने के अंदाज से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने राजकुमार को यह सलाह दी कि अगर आप फिल्म अभिनेता बनने की ओर कदम रखे तो उसमे काफी सफल हो सकते है। राजकुमार को फिल्म निर्माता की बात काफी अच्छी लगी। इसके कुछ समय बाद राजकुमार ने अपनी नौकरी छोड़ दी और फिल्मों में बतौर अभिनेता बनने की ओर अपना रूख कर लिया
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राजकुमार की 3 जुलाई को पुण्यतिथि है तो आइए याद करते हैं उनसे जुड़े कुछ किस्से। राजकुमार बेहद मुंहफट आदमी थे। जो दिल में आता था, उसे शब्दों का बाण बनाकर सामने वाले पर दाग देते थे। ये बात तो सोचते भी नहीं थे कि सामने वाले को इसका बुरा लगेगा या नहीं। पेश हैं कुछ ऐसे किस्से, जो बॉलीवुड में बहुत मशहूर हैं। ये कितने सही हैं या गलत, ये तो हम नहीं बता सकते, लेकिन इन्हें खूब चटखारे लेकर सुनाया गया।

राजकुमार और गोविंदा एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। गोविंदा झकाझक शर्ट पहने हुए राजकुमार के साथ शूटिंग खत्म होने के बाद वक्त बिता रहे थे।। राजकुमार ने गोविंदा से कहा यार तुम्हारी शर्ट बहुत शानदार है। चीची इतने बड़े आर्टिस्ट की यह बात सुनकर बहुत खुश हो गए। उन्होंने कहा कि सर आपको यह शर्ट पसंद आ रही है तो आप रख लीजिए। राजकुमार ने गोविंदा से शर्ट ले ली। गोविंदा खुश हुए कि राजकुमार उनकी शर्ट पहनेंगे। दो दिन चीची ने देखा कि राजकुमार ने उस शर्ट का एक रुमाल बनवाकर अपनी जेब में रखा हुआ है।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:07 PM
वर्ष 1952 में प्रदर्शित फिल्म रंगीली मे सबसे पहले बतौर अभिनेता राजकुमार को काम करने का मौका मिला। वर्ष 1952 से वर्ष 1957 तक राजकुमार फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहे। फिल्म रंगीली के बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली वह उसे स्वीकार करते चले गए। इस बीच उन्होंने अनमोल सहारा- 1952, अवसर- 1953, घमंड- 1955, नीलमणि- 1957, कृष्ण सुदामा- 1957 जैसी कई फिल्मों र्मे अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:08 PM
वर्ष 1957 में प्रदर्शित महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया में राजकुमार गांव के एक किसान की छोटी सी भूमिका में दिखाई दिए। हालांकि यह फिल्म पूरी तरह अभिनेत्री नरगिस पर केन्द्रित थी फिर भी राजकुमार अपनी छोटी सी भूमिका में अपने अभिनय की छाप छोड़ने में कामयाब रहे। इस फिल्म में उनके दमदार अभिनय के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति भी मिली और फिल्म की सफलता के बाद राजकुमार बतौर अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गए। वर्ष 1959 में प्रदर्शित फिल्म पैगाम में उनके सामने हिन्दी फिल्म जगत के अभिनय सम्राट दिलीप कुमार थे लेकिन राजकुमार ने यहां भी अपनी सशक्त भूमिका के जरिये दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहे। इसके बाद राजकुमार दिल अपना और प्रीत पराई-1960, घराना- 1961, गोदान- 1963, दिल एक मंदिर- 1964, दूज का चांद- 1964 जैसी फिल्मों मे मिली कामयाबी के जरिये राज कुमार दर्शको के बीच अपने अभिनय की धाक जमाते हुए ऐसी स्थिति में पहुंच गये जहां वह फिल्म में अपनी भूमिका स्वयं चुन सकते थे। वर्ष 1965 में प्रदर्शित फिल्म काजल की जबर्दस्त कामयाबी के बाद राजकुमार बतौर अभिनेता अपनी अलग पहचान बना ली। वर्ष 1965 बी.आर .चोपड़ा की फिल्म वक्त में अपने लाजवाब अभिनय से वह एक बार फिर से अपनी ओर दर्शक का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहे। फिल्म वक्त में राजकुमार का बोला गया एक संवाद चिनाय सेठ जिनके घर शीशे के बने होते है वो दूसरों पे पत्थर नहीं फेंका करते या फिर चिनाय सेठ ये छुरी बच्चों के खेलने की चीज नहीं हाथ कट जाये तो खून निकल आता है दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। फिल्म वक्त की कामयाबी से राज कुमार शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचे। ऐसी स्थिति जब किसी अभिनेता के सामने आती है तो वह मनमानी करने लगता है और फ्रेम दर फे्रम छा जाने की उसकी प्रवृति बढ़ती जाती है और जल्द ही वह किसी खास इमेज में भी बंध जाता है। लेकिन राज कुमार कभी भी किसी खास इमेज में नही बंधे इसलिये अपनी इन फिल्मो की कामयाबी के बाद भी उन्होंने हमराज- 1967, नीलकमल- 1968, मेरे हूजूर- 1968, हीर रांझा- 1970 और पाकीजा- 1971 में रूमानी भूमिका भी स्वीकार की जो उनके फिल्मी चरित्र से मेल नहीं खाती थी बावजूद इसके राजकुमार यहां भी दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:09 PM
कमाल अमरोही फिल्म पाकीजा पूरी तरह से मीना कुमारी पर केन्द्रित फिल्म थी बावजूद इसके राजकुमार ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहे। फिल्म पाकीजा में राजकुमार का बोला गया एक संवाद आपके पांव देखे बहुत हसीन हैं इन्हें जमीन पर मत उतारियेगा मैले हो जायेगें इस कदर लोकप्रिय हुआ कि लोग गाहे बगाहे राजकुमार की आवाज की नकल करने लगे। वर्ष 1978 में प्रदर्शित फिल्म कर्मयोगी में राजकुमार के अभिनय और विविधता के नए आयाम दर्शकों को देखने को मिले इस फिल्म में उन्होंने दो अलग-अलग भूमिकाओं में अपने अभिनय की छाप छोड़ी। अभिनय में एकरुपता से बचने और स्वयं को चरित्र अभिनेता के रूप में भी स्थापित करने के लिए राजकुमार ने अपने को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया। इस क्रम में वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म बुलंदी में वह चरित्र भूमिका निभाने से भी नही हिचके और इस फिल्म के जरिए भी उन्होंने दर्शको का मन मोहे रखा।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:09 PM
इसके बाद राजकुमार ने कुदरत- 1981, धर्मकांटा- 1982, शरारा- 1984, राजतिलक- 1984, एक नयी पहेली- 1984, मरते दम तक- 1987, सूर्या- 1989, जंगबाज- 1989, पुलिस पब्लिक- 1990 जैसी कई सुपरहिट फिल्मों के जरिये दर्शको के दिल पर राज किया। वर्ष 1991 में प्रदर्शित फिल्म सौदागर में राज कुमार के अभिनय के नये आयाम देखने को मिले। सुभाष घई की निर्मित फिल्म सौदागर र्मे दिलीप कुमार और राज कुमार वर्ष 1959 में प्रदर्शित पैगाम के बाद दूसरी बार आमने सामने थे। फिल्म में दिलीप कुमार और राजकुमार जैसे अभिनय की दुनिया के दोनो महारथी का टकराव देखने लायक था। फिल्म सौदागर में राजकुमार का बोला एक संवाद दुनिया जानती है कि राजेश्वर सिंह जब दोस्ती निभाता है तो अफसाने बन जाते हैं मगर दुश्मनी करता है तो इतिहास लिखे जाते है आज भी सिने प्रेमियों के दिमाग में गूंजता रहता है। नब्बे के दशक में राजकुमार ने फिल्मों मे काम करना काफी कम कर दिया। इस दौरान राजकुमार की तिरंगा- 1992, पुलिस और मुजरिम इंसानियत के देवता- 1993, बेताज बादशाह- 1994, जवाब- 1995, गॉड और गन जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:10 PM
नितांत अकेले रहने वाले राजकुमार ने शायद यह महसूस कर लिया था कि मौत उनके काफी करीब है इसीलिए अपने पुत्र पुरू राजकुमार को उन्होने अपने पास बुला लिया और कहा देखो मौत और जिंदगी इंसान का निजी मामला होता है। मेरी मौत के बारे में मेरे मित्र चेतन आनंद के अलावा और किसी को नहीं बताना। मेरा अंतिम संस्कार करने के बाद ही फिल्म उद्योग को सूचित करना। अपने संजीदा अभिनय से लगभग चार दशक तक दर्शकों के दिल पर राज करने वाले महान अभिनेता राजकुमार 3 जुलाई 1996 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।
sangeeta1
20-12-2013, 04:10 PM
Rajkumar ki sanwad bolne ka andaaz itna shaandar tha ki unke saamne acche acche kalakaar feeke sabit hote the
gill1313
14-09-2014, 05:53 PM
नितांत अकेले रहने वाले राजकुमार ने शायद यह महसूस कर लिया था कि मौत उनके काफी करीब है इसीलिए अपने पुत्र पुरू राजकुमार को उन्होने अपने पास बुला लिया और कहा देखो मौत और जिंदगी इंसान का निजी मामला होता है। मेरी मौत के बारे में मेरे मित्र चेतन आनंद के अलावा और किसी को नहीं बताना। मेरा अंतिम संस्कार करने के बाद ही फिल्म उद्योग को सूचित करना। अपने संजीदा अभिनय से लगभग चार दशक तक दर्शकों के दिल पर राज करने वाले महान अभिनेता राजकुमार 3 जुलाई 1996 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।
बहुत ही बढ़िया जान कारी दी है आपने मित्र
इसे आगे भी जारी रखें
शुक्रिया मित्र

बालीवुड सितारों के असली नाम


umabua
13-09-2013, 02:03 PM
हम बालीवुड के कलाकारों को उनके फ़िल्मी नामों अथवा परदे पर प्रदर्शित नामों से ही जानते हैं। अधिकांश कलाकारों के मूल नाम कुछ और ही होते हैं किन्तु परदे पर अवतरित होते ही नाम परिवर्तित हो जाते हैं। सूत्र में कुछ सितारों के नामों के विषय में चर्चा की जा रही है।
umabua
13-09-2013, 02:10 PM
सबसे पहले .........

सहस्त्राब्दी के कलाकार अमिताभ बच्चन ...

हम सभी जानते हैं कि 'बच्चन' न तो कोई नाम है और ना ही कोई जाति-उपजाति ही। श्री हरिवंश राय श्रीवास्तव जी का साहित्यिक नाम 'बच्चन' था जिसे उनकी सन्तति ने अपना लिया। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि श्री हरिवंश राय जी ने जन्म के समय अपने ज्येष्ठ पुत्र का नाम 'इन्कलाब' रखा था। किन्तु बाद में विद्यालय में इन्कलाब का नाम अमिताभ श्रीवास्तव लिखा गया जो कि कालान्तर में सम्पूर्ण विश्व में अमिताभ बच्चन के नाम से जाना गया।

788903
umabua
13-09-2013, 02:12 PM
आज के बहुचर्चित सितारे सैफ अली खान के पासपोर्ट में उनका नाम 'साजिद अली खान' लिखा हुआ है।



788904
umabua
13-09-2013, 02:16 PM
आज के ही मैन सलमान खान का मूल नाम किसी मुगलकालीन शासक का नाम जैसा प्रतीत होता है ........ ज़रा गौर फरमाइए ...

अब्दुल रशीद सलीम सलमान खान


788905
umabua
13-09-2013, 02:18 PM
आखिर सनी लिओन को भारतीय क्यों कहा जाता है ?

क्योंकि ये एक पंजाबी परिवार से सम्बन्ध रखती हैं और उनका मूल नाम " करनजीत कौर वोहरा" है।


788906
umabua
13-09-2013, 02:19 PM
प्रीती जिंटा का मूल नाम "प्रीतम जिंटा सिंह" है और वे एक पंजाबी परिवार को बिलांग करती हैं।


788907
umabua
13-09-2013, 02:22 PM
कटरीना कैफ का नाम कटरीना क्यों पडा?

क्योंकि कटरीना का जन्म हांगकांग के कटरीना तर्कोटे (katrina turquotte) नाम शहर में हुआ था।



788908
umabua
13-09-2013, 02:23 PM
हिस्स गर्ल मल्लिका शेरावत का नाम मूल नाम "रीमा लाम्बा" है।


788909
CHHUPA RUSTEM
13-09-2013, 11:40 PM
बहुत अच्छी जानकारी है दी है मित्र|
फिल्मी दुनिया के अलावा अन्य क्षेत्रोँ मेँ भी अनेको व्यक्ति अपने उपनाम से ही लोकप्रिय हो पाये हैँ |
virat143
14-09-2013, 02:44 AM
सबसे पहले .........

सहस्त्राब्दी के कलाकार अमिताभ बच्चन ...

हम सभी जानते हैं कि 'बच्चन' न तो कोई नाम है और ना ही कोई जाति-उपजाति ही। श्री हरिवंश राय श्रीवास्तव जी का साहित्यिक नाम 'बच्चन' था जिसे उनकी सन्तति ने अपना लिया। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि श्री हरिवंश राय जी ने जन्म के समय अपने ज्येष्ठ पुत्र का नाम 'इन्कलाब' रखा था। किन्तु बाद में विद्यालय में इन्कलाब का नाम अमिताभ श्रीवास्तव लिखा गया जो कि कालान्तर में सम्पूर्ण विश्व में अमिताभ बच्चन के नाम से जाना गया।

788903
बहुत अच्छी जानकारी है
virat143
14-09-2013, 02:46 AM
हिस्स गर्ल मल्लिका शेरावत का नाम मूल नाम "रीमा लाम्बा" है।


788909
जी बुआजी और लाम्बा इनके पिताजी का सरनामे था
शेरावत इन्होने अपनी माँ का सरनेम लिया हुआ है
virat143
14-09-2013, 02:47 AM
प्रीती जिंटा का मूल नाम "प्रीतम जिंटा सिंह" है और वे एक पंजाबी परिवार को बिलांग करती हैं।


788907
धन्यवाद बुआजी इतनी सुंदर जानकारी के लिए
virat143
14-09-2013, 02:49 AM
आखिर सनी लिओन को भारतीय क्यों कहा जाता है ?

क्योंकि ये एक पंजाबी परिवार से सम्बन्ध रखती हैं और उनका मूल नाम " करनजीत कौर वोहरा" है।


788906
क्या सच में ?
virat143
14-09-2013, 02:50 AM
आज के ही मैन सलमान खान का मूल नाम किसी मुगलकालीन शासक का नाम जैसा प्रतीत होता है ........ ज़रा गौर फरमाइए ...

अब्दुल रशीद सलीम सलमान खान


788905
वाह क्या बात है जहीलेअलम
virat143
14-09-2013, 02:51 AM
बुआजी बहुत अच्छी जानकारी दे रही हैं मजेदार भी रेपो+++ स्वीकार करे
virat143
14-09-2013, 02:52 AM
बुआजी बहुत अच्छी जानकारी दे रही हैं मजेदार भी रेपो+++ स्वीकार करे
माफ़ कीजियेगा किसी कारणवश रेपो नहीं दे पा रहा हु बट सुरु होते ही दूंगा
umabua
14-09-2013, 11:39 AM
छुपारुस्तम जी भावपूर्ण प्रविष्टि के लिए धन्यवाद। आपने सही कहा है कि फिल्मों के अलावा अन्य क्षेत्रों में बहुत से व्यक्ति अपने मूल नाम के बजाय अन्य नामों से पहचाने गए हैं। ऐसे क्षेत्रों में साहित्यिक (लेखक, कवि एवं शायर आदि) क्षेत्र प्रमुख है।
umabua
14-09-2013, 11:39 AM
विराट जी, आपकी भावपूर्ण प्रविष्टियाँ ही रेपो हैं। सूत्र भ्रमण के लिए हार्दिक धन्यवाद।
umabua
14-09-2013, 11:42 AM
भारतीय सिनेमा में अबतक की सर्वाधिक नयनाभिराम सौन्दर्य की स्वामिनी मधुबाला का मूल नाम "मुमताज जहाँ बेगम देहलवी" था।


789095
umabua
14-09-2013, 11:43 AM
दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत का मूल नाम "शिवाजी राव गायकवाड" है।


789096
umabua
14-09-2013, 11:43 AM
परदेश फिल्म में आने से पहले महिमा चौधरी का नाम "रितु चौधरी" था। सुभाष घई जी अपनी पिछली अभिनेत्रियों (माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला आदि) के नाम के प्रथम अक्षर को लकी मानते हुए रितु का नाम महिमा कर दिया था।


789097
umabua
14-09-2013, 11:44 AM
कमल हासन एक तमिल अयंगार परिवार में जन्मे हैं और इनका मूल नाम "पार्थसारथी" है।


789098
umabua
14-09-2013, 11:45 AM
मलयाली पिता और पारसी माँ के बेटे जॉन अब्राहम का मूल पारसी नाम "फरहान" है। किन्तु फरहान अब्राहम के बजाय फिल्म जगत में इन्हें जान अब्राहम के नाम से जाना जाता है।

789099
umabua
14-09-2013, 11:46 AM
याहू कपूर के नाम से मशहूर शम्मी कपूर का मूल नाम "शमशेर राज कपूर" था।

789100
virat143
14-09-2013, 12:47 PM
क्या बात है बुआजी बहुत खूब मजा आ गया जानकारी पढ़कर
umabua
16-09-2013, 12:48 PM
बैंकाक के एक होटल में कुक का कार्य करने वाले राजीव हरी ओम भाटिया की जब किस्मत पलटी तो बालीवुड में अक्षय कुमार के नाम से चमकने लगे ............789584
umabua
16-09-2013, 12:49 PM
विरार के छोरा गोविंदा का वास्तविक नाम गोविन्द अरुण आहुजा है।


789585
umabua
16-09-2013, 12:53 PM
धर्मेद्र सिंह देओल के कनिष्ठ पुत्र विजय सिंह देओल ने जब फ़िल्मी दुनिया में झांका तो उन्हें अपना पेट्नेम 'बाबी' ही भाया और ग्लैमर की दुनिया में बाबी देओल कहे गए।
789586
umabua
16-09-2013, 12:56 PM
फाईट मास्टर वीरू देवगन के पुत्र का नाम विशाल देवगन था किन्तु जब 'फूल और कांटे' फिल्म की कास्टिंग हुयी तब इस नाम के स्थान पर अजय देवगन लिखा गया। बाद में अंकशास्त्र की हिदायत के अनुसार अजय देवगन ने 'देवगन' शब्द की अंगरेजी वर्तनी से एक 'ए' हटा दिया devagan के बजाय devgan लिखा जाने लगा।
789587
umabua
16-09-2013, 01:00 PM
अन्य दक्षिण भारतीय कलाकारों के नाम भाँति बालीवुड की सदासुन्दरी सौन्दर्यप्रतिमा रेखा का असली नाम उनके पिता जेमिनी गणेशन के साथ जुड़ कर " रेखा भानुशाली गणेशन" है।


789588
umabua
16-09-2013, 01:03 PM
बालीवुड फिल्मों में बनावटी गहनों की आपूर्ति करने वाले सुदर्शन युवक रवि कपूर को जब वी शांताराम ने अपनी फिल्म " गीत गाया पत्थरों ने " के लिए नायक चुना तब इसका नाम जीतेंद्र कर दिया गया। बाद में बालीवुड में यह 'जम्पिंग जैक' के नाम से जाने गए। ईश्वर पर गहरी आस्था के कारण इनके गले और दोनों बाजुओं में गंडा-ताबीजों की मालाएं बंधी रहती हैं।

789589
umabua
16-09-2013, 01:03 PM
कौन जानता था कि जान प्रकाश राव जांमाला नाम का बंबई सिटी बस का कंडक्टर एक दिन फिल्मों में नाम कमाएगा। यह कंडक्टर और कोई नहीं बल्कि जानी लीवर नामक मिमिक्री और हास्य अभिनेता ही हैं।

789590
virat143
16-09-2013, 07:32 PM
वाह बुआजी बहुत बढ़िया लगी रहो
sangeeta1
19-12-2013, 12:34 PM
Buaji aapki kami munch ka khal rhi he
Kamal Ji
19-12-2013, 01:17 PM
दिलीप कुमार (जन्म 11दिसम्बर 1922,जन्म का नाम: यूसुफ़ ख़ान), यह पेशावर ( अब पाकिस्तान )में हुआ था. हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय अभिनेता और भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा के सदस्य है। दिलीप कुमार को उनके दौर का बेहतरीन अभिनेता माना जाता है, त्रासद या दु:खद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजिडी किंग' भी कहा जाता था। उन्हें भारतीय फिल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरूस्कार से सम्मानित किया गया है, इसके अलावा दिलीप कुमार को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से भी सम्मानित किया गया है।

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दिलीप कुमार के 89वें जन्*मदिन (11 दिसंबर 2011) की तस्वीरः इस मौके पर खास अंदाज में दिलीप कुमार व शायरा बानो.
Kamal Ji
19-12-2013, 01:21 PM
जॉनी वॉकर (जन्म 15 मई 1923 - निधन 29 जुलाई 2003 ) भारत के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता का स्क्रीन नाम था, इनका मूल नाम बहरुद्दीन जमालुद्दीन काज़ी था।

जानी वाकर हिन्दि फिल्म जगत के एक जाने माने हास्य अभिनेता रहे हैं जो किसी परिच्हय का मोह्ताज नही हैं। १५ मई १९२३ को जन्मे इस अभिनेता का अस्ली नाम बद्रुद्दिन जमालुद्दिन काजी था।


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Kamal Ji
19-12-2013, 01:28 PM
राजेन्द्र कुमार का नाम राजेन्द्र कुमार ही था.(२० जुलाई १९२९ – १२ जुलाई १९९९) ६० तथा ७० के दशकों में बॉलीवुड के सफलतम अभिनेताओं में से एक थे। ८० के दशक में वह कई फिल्मों के निर्माता थे जिनमें उनके पुत्र कुमार गौरव ने अभिनय किया है। उनका जन्म पाकिस्तान , पंजाब प्रान्त के सियालकोट शहर में हुआ था[Only registered and activated users can see links] EtRxehR16nHsJjYgoX4
Kamal Ji
19-12-2013, 01:32 PM
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प्रख्यात चरित्र अभिनेता प्राण का शुक्रवार को निधन हो गया। अस्वस्थ प्राण को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने रात 8.30 बजे अंतिम सांस ली। वह 93 वर्ष के थे। प्राण को इस साल दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया था। प्राण ने 40 के दशक में अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। शुरुआत की कुछ फिल्मों में उन्होंने नायक की भूमिका निभाई लेकिन उन्हें पहचान मिली खलनायक की भूमिक से। उन्होंने प्रमुख रूप से जिद्दी, बड़ी बहन, उपकार, जंजीर, डॉन, अमर अकबर एंथनी और शराबी जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया।

#प्राण का वास्तविक नाम प्राण किशन सिकन्द है।

#प्राण एक्टर नहीं बल्कि फोटोग्राफर बनना चाहते थे। उन्होंने सबसे पहले अपने शहर की रामलीला में सीता का किरदार निभाया था।

#प्राण की पहली फिल्म पंजाबी में थी। फिल्म का नाम था यमला जट जो 1940 में आई थी।

#प्राण ने हिंदी और पंजाबी फिल्मों के अलावा बंगाली फिल्मों में भी काम किया था।

#भारत की आजादी से एक दिन पहले यानि 14 अगस्त 1947 को प्राण लाहौर से पाकिस्तान आए थे। प्राण के मुताबिक विभाजन के वक्त जो सबसे कीमती चीज उन्होंने खोई थी वो उनका कुत्ता था।

#प्राण को मुंबई आने के बाद पहली बार हिंदी फिल्म में मौका लेखक सआदत हसन मंटो की मदद से मिला था। फिल्म थी 1948 में आई देवानंद और कामिनी कौशल स्टारर जिद्दी।

#मुंबई आने के बाद प्राण की पहली सबसे बड़ी हिट फिल्म थी बीआर चोपड़ा की अफसाना (1951)

#प्राण और अशोक कुमार ने एक साथ करीब 30 फिल्मों में काम किया। दोनों काफी करीबी दोस्त माने जाते थे।

#कई नेगेटिव रोल निभाने के बाद 1967 में मनोज कुमार ने फिल्म उपकार में उन्हें एक विकलांग का किरदार निभाने का मौका दिया।

#प्राण ने धार्मिक फिल्म लव कुश में वाल्मिकी का किरदार भी निभाया।

#प्राण अपने मेकअप का खास ध्यान रखते थे और अपने घर पर आर्टिस्ट से अपना स्केच बनवाते थे उसके बाद अपना लुक तय करते थे।

#फिल्म जंजीर में अमिताभ बच्चन को लेने की सलाह प्राण ने ही प्रकाश मेहरा को दी थी।

#1969 से 1982 तक प्राण की कामयाबी का ऐसा दौर भी आया जब उन्हें फिल्म के हीरो से भी ज्यादा पैसे दिए जाने लगे। उस दौर में उन्हें अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा दैसे बड़े सितारों से भी ज्यादा फीस मिलती थी।

#1990 के बाद प्राण ने फिल्मों में काम करना लगभग बंद कर दिया। लेकिन अमिताभ बच्चन के विशेष आग्रह पर उन्होंने फिल्म मृत्युदाता और तेरे मेरे सपने में काम किया।

#प्राण का एक फुटबॉल क्लब भी है जिसका नाम बॉम्बे डायनामोज फुटबॉल क्लब है।

#प्राण अक्सर अपनी फिल्मों में एक शब्द का जरुर इस्तेमाल करते थे। ये शब्द था बर्खुरदार। कहते हैं ये उनका पसंदीदा शब्द है।

#2001 में प्राण को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया और अब उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।

#प्राण ने अपने किरदारों को इतनी शिद्दत से निभाया कि लोग मानने लगे कि वो निजी जिंदगी में भी विलेन ही हैं। यहां तक की जिस दौर में प्राण हिट हुए लोगों ने अपने बच्चों का नाम प्राण रखना बंद कर दिया था। प्राण नाम के बच्चे की खोज के लिए बाकायदा एक प्रतियोगिता भी रखी गई थी।

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sangeeta1
19-12-2013, 01:34 PM
Kamal ji aapko ye jaankar tajub hogo jonny leaver ji apna naam jonny warkar se bhut jyada prerit the is liye unone apna jonny rkha tha shayad jesa maine suna he
Kamal Ji
19-12-2013, 01:44 PM
संजीव कुमार (अंग्रेजी : Sanjeev Kumar,गुजराती : હરિભાઈ જરીવાલા, जन्म : 9 जुलाई 1938, मृत्यु : 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फिल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फिल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नई रात फिल्म में नौ रोल किये थे। कोशीश फिल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फिल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया।

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उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुँवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1984 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1984 तक पूरे पच्चीस साल तक वे लगातार फिल्मों में सक्रिय रहे।

उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फिल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा।
Kamal Ji
19-12-2013, 01:46 PM
Kamal ji aapko ye jaankar tajub hogo jonny leaver ji apna naam jonny warkar se bhut jyada prerit the is liye unone apna jonny rkha tha shayad jesa maine suna he

धन्यवाद संगीता जी आपका... आपका संगीत हमेशा इसी तरह इस फोरम पर बजता रहे....
Kamal Ji
19-12-2013, 01:54 PM
हेमा मालिनी का जन्म १६ अक्तूबर १९४६ में तमिलनाडु में हुआ था। बालीवुड की यह अभिनेत्री भरत्नाट्यम की एक बेहतरीन नृत्यांगना है। शोले फिल्म से मशहूर हुई इस अभिनेत्री की दो बेटियां हैं-बडी बेटी एशा देयोल और छोटी बेटी आह्न्ना देयोल, यह तिकडी कई चैरिटेबल कार्यक्रम भी प्रस्तुत करती हैं। फिल्म शोले के बाद अभिनेता धर्मेंद्र से हेमा ने शादी कर ली। धर्मेंद्र शादीशुदा थे और उनके चार बच्चे थे। धर्म से हिन्दू होने के कारण धर्मेंद्र अपनी पहली ब्याहता प्रकाश कौर के रहते तलाक दिए बिना दूसरी शादी नहीं कर सकते थे, इस कारण शादी करने के लिए धर्मेँद्र और हेमा मालिनी ने इस्लाम धर्म अपना लिया और इस्लामी रीति-रिवाज से शादी की। धर्मेंद्र ने अपना नाम बदल कर दिलावर खान केवल किया जबकि हेमा मालिनी का नाम बदल कर आयशा किया गया। अय्यंगर ब्राह्मण परिवार में जन्मी इस अभिनेत्री की बडी बेटी एषा देयोल भी कई फिल्मों में काम कर चुकीं हैं। आह्न्ना को विज्ञापनों में देखा जा सकता है। हेमा मालिनी की मां जया चक्रवर्ती तमिल फिल्मों की प्रोड्यूसर थीं।

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Kamal Ji
19-12-2013, 02:09 PM
अशोक कुमार (बांगला : অশোক কুমার ; १३ अक्तूबर १९११, भागल पुर : कुमुद कुमार गांगुली - १० दिसंबर २००१,मुम्बई ) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। सन् १९९९ में भारत सरकार ने उन्हें कला के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया। ये महाराष्ट्र राज्य से थे।

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व्यक्तिगत जीवनहिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में दादा मुनि के नाम से मशहूर कुमार का जन्म एक मध्यम वर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था। अशोक कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मध्यप्रदेश के खंडवा शहर में प्राप्त की। बाद मे उन्होंने अपनी स्नातक की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की। इस दौरान उनकी दोस्ती शशधर मुखर्जी से हुई। भाई बहनो में सबसे बड़े अशोक कुमार की बचपन से ही फिल्मों मे काम करके शोहरत की बुंलदियो पर पहुंचने की चाहत थी, लेकिन वह अभिनेता नहीं बल्कि निर्देशक बनना चाहते थे। अपनी दोस्ती को रिश्ते मे बदलते हुए अशोक कुमार ने अपनी इकलौती बहन की शादी शशधर से कर दी। सन 1934 मे न्यू थिएटर मे बतौर लेबोरेट्री असिस्टेंट काम कर रहे अशोक कुमार को उनके बहनोई शशधर मुखर्जी ने बाम्बे टॉकीज में अपने पास बुला लिया।
sangeeta1
19-12-2013, 02:45 PM
Ek mai yha baat bolna chaahti hu ki jonny warker ji bus me condector the or jonny leaver sahab hindustan leaver lmt. Me kaam krte the
sangeeta1
19-12-2013, 02:47 PM
Kamal ji thanx
Kamal Ji
19-12-2013, 03:54 PM
Ek mai yha baat bolna chaahti hu ki jonny warker ji bus me condector the or jonny leaver sahab hindustan leaver lmt. Me kaam krte the


Kamal ji thanx


संगीता जी आपका पुनः आभार सूत्र पर आने व अपने विचारों से अवगत कराने का.
Kamal Ji
19-12-2013, 04:07 PM
राज कुमार (जन्म: 8 अक्टूबर1926 निधन:3 जुलाई 1996) हिंदी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। राज कुमार ही इनका वास्तविक नाम था.


व्यक्तिगत जीवनराजकुमार का जन्म पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत में आठ अक्तूबर 1926 को एक मध्यम वर्गीय कश्मीरी बाह्मण परिवार में हुआ था। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजकुमार मुंबई के माहिम पुलिस स्टेशन में बतौर सब इंस्पेक्टर काम करने लगे। राजकुमार मुंबई के जिस थाने मे कार्यरत थे वहां अक्सर फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों का आना-जाना लगा रहता था। एक बार पुलिस स्टेशन में फिल्म निर्माता कुछ जरूरी काम के लिए आए हुए थे और वह राजकुमार के बातचीत करने के अंदाज से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने राजकुमार को यह सलाह दी कि अगर आप फिल्म अभिनेता बनने की ओर कदम रखे तो उसमे काफी सफल हो सकते है। राजकुमार को फिल्म निर्माता की बात काफी अच्छी लगी। इसके कुछ समय बाद राजकुमार ने अपनी नौकरी छोड़ दी और फिल्मों में बतौर अभिनेता बनने की ओर अपना रूख कर लिया
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राजकुमार की 3 जुलाई को पुण्यतिथि है तो आइए याद करते हैं उनसे जुड़े कुछ किस्से। राजकुमार बेहद मुंहफट आदमी थे। जो दिल में आता था, उसे शब्दों का बाण बनाकर सामने वाले पर दाग देते थे। ये बात तो सोचते भी नहीं थे कि सामने वाले को इसका बुरा लगेगा या नहीं। पेश हैं कुछ ऐसे किस्से, जो बॉलीवुड में बहुत मशहूर हैं। ये कितने सही हैं या गलत, ये तो हम नहीं बता सकते, लेकिन इन्हें खूब चटखारे लेकर सुनाया गया।

राजकुमार और गोविंदा एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। गोविंदा झकाझक शर्ट पहने हुए राजकुमार के साथ शूटिंग खत्म होने के बाद वक्त बिता रहे थे।। राजकुमार ने गोविंदा से कहा यार तुम्हारी शर्ट बहुत शानदार है। चीची इतने बड़े आर्टिस्ट की यह बात सुनकर बहुत खुश हो गए। उन्होंने कहा कि सर आपको यह शर्ट पसंद आ रही है तो आप रख लीजिए। राजकुमार ने गोविंदा से शर्ट ले ली। गोविंदा खुश हुए कि राजकुमार उनकी शर्ट पहनेंगे। दो दिन चीची ने देखा कि राजकुमार ने उस शर्ट का एक रुमाल बनवाकर अपनी जेब में रखा हुआ है।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:07 PM
वर्ष 1952 में प्रदर्शित फिल्म रंगीली मे सबसे पहले बतौर अभिनेता राजकुमार को काम करने का मौका मिला। वर्ष 1952 से वर्ष 1957 तक राजकुमार फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहे। फिल्म रंगीली के बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली वह उसे स्वीकार करते चले गए। इस बीच उन्होंने अनमोल सहारा- 1952, अवसर- 1953, घमंड- 1955, नीलमणि- 1957, कृष्ण सुदामा- 1957 जैसी कई फिल्मों र्मे अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:08 PM
वर्ष 1957 में प्रदर्शित महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया में राजकुमार गांव के एक किसान की छोटी सी भूमिका में दिखाई दिए। हालांकि यह फिल्म पूरी तरह अभिनेत्री नरगिस पर केन्द्रित थी फिर भी राजकुमार अपनी छोटी सी भूमिका में अपने अभिनय की छाप छोड़ने में कामयाब रहे। इस फिल्म में उनके दमदार अभिनय के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति भी मिली और फिल्म की सफलता के बाद राजकुमार बतौर अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गए। वर्ष 1959 में प्रदर्शित फिल्म पैगाम में उनके सामने हिन्दी फिल्म जगत के अभिनय सम्राट दिलीप कुमार थे लेकिन राजकुमार ने यहां भी अपनी सशक्त भूमिका के जरिये दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहे। इसके बाद राजकुमार दिल अपना और प्रीत पराई-1960, घराना- 1961, गोदान- 1963, दिल एक मंदिर- 1964, दूज का चांद- 1964 जैसी फिल्मों मे मिली कामयाबी के जरिये राज कुमार दर्शको के बीच अपने अभिनय की धाक जमाते हुए ऐसी स्थिति में पहुंच गये जहां वह फिल्म में अपनी भूमिका स्वयं चुन सकते थे। वर्ष 1965 में प्रदर्शित फिल्म काजल की जबर्दस्त कामयाबी के बाद राजकुमार बतौर अभिनेता अपनी अलग पहचान बना ली। वर्ष 1965 बी.आर .चोपड़ा की फिल्म वक्त में अपने लाजवाब अभिनय से वह एक बार फिर से अपनी ओर दर्शक का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहे। फिल्म वक्त में राजकुमार का बोला गया एक संवाद चिनाय सेठ जिनके घर शीशे के बने होते है वो दूसरों पे पत्थर नहीं फेंका करते या फिर चिनाय सेठ ये छुरी बच्चों के खेलने की चीज नहीं हाथ कट जाये तो खून निकल आता है दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। फिल्म वक्त की कामयाबी से राज कुमार शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचे। ऐसी स्थिति जब किसी अभिनेता के सामने आती है तो वह मनमानी करने लगता है और फ्रेम दर फे्रम छा जाने की उसकी प्रवृति बढ़ती जाती है और जल्द ही वह किसी खास इमेज में भी बंध जाता है। लेकिन राज कुमार कभी भी किसी खास इमेज में नही बंधे इसलिये अपनी इन फिल्मो की कामयाबी के बाद भी उन्होंने हमराज- 1967, नीलकमल- 1968, मेरे हूजूर- 1968, हीर रांझा- 1970 और पाकीजा- 1971 में रूमानी भूमिका भी स्वीकार की जो उनके फिल्मी चरित्र से मेल नहीं खाती थी बावजूद इसके राजकुमार यहां भी दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:09 PM
कमाल अमरोही फिल्म पाकीजा पूरी तरह से मीना कुमारी पर केन्द्रित फिल्म थी बावजूद इसके राजकुमार ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहे। फिल्म पाकीजा में राजकुमार का बोला गया एक संवाद आपके पांव देखे बहुत हसीन हैं इन्हें जमीन पर मत उतारियेगा मैले हो जायेगें इस कदर लोकप्रिय हुआ कि लोग गाहे बगाहे राजकुमार की आवाज की नकल करने लगे। वर्ष 1978 में प्रदर्शित फिल्म कर्मयोगी में राजकुमार के अभिनय और विविधता के नए आयाम दर्शकों को देखने को मिले इस फिल्म में उन्होंने दो अलग-अलग भूमिकाओं में अपने अभिनय की छाप छोड़ी। अभिनय में एकरुपता से बचने और स्वयं को चरित्र अभिनेता के रूप में भी स्थापित करने के लिए राजकुमार ने अपने को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया। इस क्रम में वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म बुलंदी में वह चरित्र भूमिका निभाने से भी नही हिचके और इस फिल्म के जरिए भी उन्होंने दर्शको का मन मोहे रखा।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:09 PM
इसके बाद राजकुमार ने कुदरत- 1981, धर्मकांटा- 1982, शरारा- 1984, राजतिलक- 1984, एक नयी पहेली- 1984, मरते दम तक- 1987, सूर्या- 1989, जंगबाज- 1989, पुलिस पब्लिक- 1990 जैसी कई सुपरहिट फिल्मों के जरिये दर्शको के दिल पर राज किया। वर्ष 1991 में प्रदर्शित फिल्म सौदागर में राज कुमार के अभिनय के नये आयाम देखने को मिले। सुभाष घई की निर्मित फिल्म सौदागर र्मे दिलीप कुमार और राज कुमार वर्ष 1959 में प्रदर्शित पैगाम के बाद दूसरी बार आमने सामने थे। फिल्म में दिलीप कुमार और राजकुमार जैसे अभिनय की दुनिया के दोनो महारथी का टकराव देखने लायक था। फिल्म सौदागर में राजकुमार का बोला एक संवाद दुनिया जानती है कि राजेश्वर सिंह जब दोस्ती निभाता है तो अफसाने बन जाते हैं मगर दुश्मनी करता है तो इतिहास लिखे जाते है आज भी सिने प्रेमियों के दिमाग में गूंजता रहता है। नब्बे के दशक में राजकुमार ने फिल्मों मे काम करना काफी कम कर दिया। इस दौरान राजकुमार की तिरंगा- 1992, पुलिस और मुजरिम इंसानियत के देवता- 1993, बेताज बादशाह- 1994, जवाब- 1995, गॉड और गन जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई।
Kamal Ji
19-12-2013, 04:10 PM
नितांत अकेले रहने वाले राजकुमार ने शायद यह महसूस कर लिया था कि मौत उनके काफी करीब है इसीलिए अपने पुत्र पुरू राजकुमार को उन्होने अपने पास बुला लिया और कहा देखो मौत और जिंदगी इंसान का निजी मामला होता है। मेरी मौत के बारे में मेरे मित्र चेतन आनंद के अलावा और किसी को नहीं बताना। मेरा अंतिम संस्कार करने के बाद ही फिल्म उद्योग को सूचित करना। अपने संजीदा अभिनय से लगभग चार दशक तक दर्शकों के दिल पर राज करने वाले महान अभिनेता राजकुमार 3 जुलाई 1996 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।
sangeeta1
20-12-2013, 04:10 PM
Rajkumar ki sanwad bolne ka andaaz itna shaandar tha ki unke saamne acche acche kalakaar feeke sabit hote the
gill1313
14-09-2014, 05:53 PM
नितांत अकेले रहने वाले राजकुमार ने शायद यह महसूस कर लिया था कि मौत उनके काफी करीब है इसीलिए अपने पुत्र पुरू राजकुमार को उन्होने अपने पास बुला लिया और कहा देखो मौत और जिंदगी इंसान का निजी मामला होता है। मेरी मौत के बारे में मेरे मित्र चेतन आनंद के अलावा और किसी को नहीं बताना। मेरा अंतिम संस्कार करने के बाद ही फिल्म उद्योग को सूचित करना। अपने संजीदा अभिनय से लगभग चार दशक तक दर्शकों के दिल पर राज करने वाले महान अभिनेता राजकुमार 3 जुलाई 1996 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।
बहुत ही बढ़िया जान कारी दी है आपने मित्र
इसे आगे भी जारी रखें
शुक्रिया मित्र