"राम" एक काल्प्निक पात्र थे , पुरातत्व विभाग द्वारा कई वर्षो के शोध के बाद 2008 मे ये सिद्ध हुआ के रामसेतू 18 लाख वर्ष पूर्व "tectonic plates" के घर्षण द्वारा उत्पन्न हुआ, जो समुद्र तल तक गड़ा हुआ है | जबकि मानव जाति के जन्मे हुए अभी 1लाख वर्ष भी नही हुए, करोङो वर्षो पूर्व के डायनासौर्स (Dianasaurs) के अवशेष भी मिलगये मगर वानर सेना का कोई अता पता नही | इस प्रकार के सेतू जापान-कोरिया के बीच मे भी है, और इससे कई गुना बड़ा सेतु तुर्की द्वीप मे भी है |
***रामसेतु का सच ****
राम सेतु (Adams bridge) इसे अधिक पुराना होने के कारन आदम पुल भी कहाँ जाता है । राम सेतु (Adams bridge) पर नासा ने रिसर्च कर बताया कि यह पुल प्रकृति निर्मित है, मानव निर्मित नही । यह समुद्र में पाये जाने वाले मूँगा (CORAL) में पाये जाने वाले केल्शियम कार्बोनेट के छोड़े जाने से निर्मित श्रंखला है । जिसकी लंबाई 30Km. है । नासा ने इसके सैम्पल लेकर रेडियो कार्बन परिक्षण से बताया कि यहसेतु 17.5 लाख वर्ष पुराना है । मूंगा (Coral) समुद्र के कम गहरे पानी में जमा होकर श्रंखला बनाते है । विश्व में मूँगा से निर्मित ऐसी 10 श्रृंखलाएँ है इनमे से सबसे बड़ी ऑस्ट्रेलिया के समुद्र तट पर है । इसकी लंबाई रामसेतु से भी कई गुणा अधिक 2500 Km है । विश्व की इन सभी दश मूँगा श्रंखलाओ को सेटेलाईट के द्वारा देखा जा चूका है । नासा के रिसर्च अनुसार रामसेतु जब 17.5 लाख वर्ष पुराना है, तो इसे राम निर्मित कैसे कहाँ जा सकता है । जबकि मानव ने खेती करना/कपडे पहनना 8000 हजार वर्ष ईसा पूर्व सीखा है । मानव ने लोहा (Iron) की खोज 1500 ईसा पूर्व की है । मानव ने लिखना 1300 ईसा पूर्व सीखा है । फिर **राम ** नाम लिखकर दुनियाँ के पहले पशु सिविल इंजनियर भालू नल-नील ने इसे कैसे बना डाला? मान्यता के अनुसार महाभारत नामक काल्प्निक युद्ध आज से लगभग 6000 वर्ष पूर्व हुआ जबकि वेदव्यास ने महाभारत-गीता आज से 2300 वर्ष पूर्व लिखा, क्या घटना के 3700 वर्ष पश्चात उसका वर्णन स्वीकार्य है? यदि उस युग मे कोई चेतन भगत, स्पाइडरमैन, सुपरमैन भी लिख देता तो आज वो धार्मिक सत्य कथा मानी जाती और उनके जन्म स्थान पर मंदिर बनाने का आहवान होता और राजनीति होती ये सारा पाखन्ड विदेशी बी कंपनी द्वारा यहाँ के लोगों का शोषण करने के उद्देश्य से किया गया | इसी सन्दर्भ मे "मनुस्मृति" जैसी ग्रंथ को रच कर पाखन्ड का तान्डव किया गया, जबसे ये सत्य उजागर हुआ तबसे आसाराम, योगी, चिन्मिय्नन्द, नारायण साई, पंडित/ बाबा संत का धर्म से मोह्भंग हो गया और सब अश्लीलता अय्याशी मे लग गए | मगर जनता को धर्म मे उल्झाए रख कर लूटने के लिये और राजनीति को बचाए रखने के लिये राम को सच साबित करने के लिए youtube website पर फर्जी विडिओ और सामग्री डाल दिया जाता है | अब जब ये रहस्य से पर्दा उठने लगा है तबसे, हमारे देश के कुछ नेता अनाप शनाप बक रहे हैं, कोई कह रहा है के हमारे देश मे प्राचीन काल मे ही गणेश जैसे मानव की गर्दन काट कर उसमे हाथी का सर प्रत्यरोपित करके इस कृत्रिम surgery को अंजाम दिया, कोई फर्जी फ़ोटो वीडियो मे खोखले पत्थर नुमा आकार को राम लिख कर बालटी मे तैरा कर अफ़वाह फैला रहा है के रामसेतू का पत्थर तैरता है मगर जब कुछ विद्वान शातिर लोगो ने स्वयं जाकर देखा तो ऐसा कुछ था ही नही . . . . तो कोई कह रहा है के भारत मे देवता लोगो ने प्राचीन युग मे ही ATOM BOMB विकसित कर लिया था तो कोई कह रहा है के हमारे देश मे प्राचीन काल मे ही AIRPLANE, MISSILES, JET, विकसित कर लिया था, . . . .क्योकि ये राजनीतिज्ञ जानते हैं के अगर इस काल्प्निक धर्म की पोल खुल गई तो जनता को मूर्ख बनाना बंद हो जाएगा, और इनकी रोज़ी रोटी बंद हो जायेगी तथा ईमानदारी से समाजो की सेवा करनी पड़ेगी ।
राम सेतु (Adams bridge) इसे अधिक पुराना होने के कारन आदम पुल भी कहाँ जाता है । राम सेतु (Adams bridge) पर नासा ने रिसर्च कर बताया कि यह पुल प्रकृति निर्मित है, मानव निर्मित नही । यह समुद्र में पाये जाने वाले मूँगा (CORAL) में पाये जाने वाले केल्शियम कार्बोनेट के छोड़े जाने से निर्मित श्रंखला है । जिसकी लंबाई 30Km. है । नासा ने इसके सैम्पल लेकर रेडियो कार्बन परिक्षण से बताया कि यहसेतु 17.5 लाख वर्ष पुराना है । मूंगा (Coral) समुद्र के कम गहरे पानी में जमा होकर श्रंखला बनाते है । विश्व में मूँगा से निर्मित ऐसी 10 श्रृंखलाएँ है इनमे से सबसे बड़ी ऑस्ट्रेलिया के समुद्र तट पर है । इसकी लंबाई रामसेतु से भी कई गुणा अधिक 2500 Km है । विश्व की इन सभी दश मूँगा श्रंखलाओ को सेटेलाईट के द्वारा देखा जा चूका है । नासा के रिसर्च अनुसार रामसेतु जब 17.5 लाख वर्ष पुराना है, तो इसे राम निर्मित कैसे कहाँ जा सकता है । जबकि मानव ने खेती करना/कपडे पहनना 8000 हजार वर्ष ईसा पूर्व सीखा है । मानव ने लोहा (Iron) की खोज 1500 ईसा पूर्व की है । मानव ने लिखना 1300 ईसा पूर्व सीखा है । फिर **राम ** नाम लिखकर दुनियाँ के पहले पशु सिविल इंजनियर भालू नल-नील ने इसे कैसे बना डाला? मान्यता के अनुसार महाभारत नामक काल्प्निक युद्ध आज से लगभग 6000 वर्ष पूर्व हुआ जबकि वेदव्यास ने महाभारत-गीता आज से 2300 वर्ष पूर्व लिखा, क्या घटना के 3700 वर्ष पश्चात उसका वर्णन स्वीकार्य है? यदि उस युग मे कोई चेतन भगत, स्पाइडरमैन, सुपरमैन भी लिख देता तो आज वो धार्मिक सत्य कथा मानी जाती और उनके जन्म स्थान पर मंदिर बनाने का आहवान होता और राजनीति होती ये सारा पाखन्ड विदेशी बी कंपनी द्वारा यहाँ के लोगों का शोषण करने के उद्देश्य से किया गया | इसी सन्दर्भ मे "मनुस्मृति" जैसी ग्रंथ को रच कर पाखन्ड का तान्डव किया गया, जबसे ये सत्य उजागर हुआ तबसे आसाराम, योगी, चिन्मिय्नन्द, नारायण साई, पंडित/ बाबा संत का धर्म से मोह्भंग हो गया और सब अश्लीलता अय्याशी मे लग गए | मगर जनता को धर्म मे उल्झाए रख कर लूटने के लिये और राजनीति को बचाए रखने के लिये राम को सच साबित करने के लिए youtube website पर फर्जी विडिओ और सामग्री डाल दिया जाता है | अब जब ये रहस्य से पर्दा उठने लगा है तबसे, हमारे देश के कुछ नेता अनाप शनाप बक रहे हैं, कोई कह रहा है के हमारे देश मे प्राचीन काल मे ही गणेश जैसे मानव की गर्दन काट कर उसमे हाथी का सर प्रत्यरोपित करके इस कृत्रिम surgery को अंजाम दिया, कोई फर्जी फ़ोटो वीडियो मे खोखले पत्थर नुमा आकार को राम लिख कर बालटी मे तैरा कर अफ़वाह फैला रहा है के रामसेतू का पत्थर तैरता है मगर जब कुछ विद्वान शातिर लोगो ने स्वयं जाकर देखा तो ऐसा कुछ था ही नही . . . . तो कोई कह रहा है के भारत मे देवता लोगो ने प्राचीन युग मे ही ATOM BOMB विकसित कर लिया था तो कोई कह रहा है के हमारे देश मे प्राचीन काल मे ही AIRPLANE, MISSILES, JET, विकसित कर लिया था, . . . .क्योकि ये राजनीतिज्ञ जानते हैं के अगर इस काल्प्निक धर्म की पोल खुल गई तो जनता को मूर्ख बनाना बंद हो जाएगा, और इनकी रोज़ी रोटी बंद हो जायेगी तथा ईमानदारी से समाजो की सेवा करनी पड़ेगी ।
...अमरनाथ मे एक गुफा है जिसके उपर सुराख से पानी टप टप टप टप गिरता रहता है जो सर्दी के मौसम मे जम कर लिंग का आकार ले लेता है तो उसे भगवान का लिंग कहा जाता है | मगर विदेशो में जैसे Switzerland मे ऐसे हज़ारो आकार बनते हैं, Antarctica मे ऐसे लाखो आकार बनते हैं, और आपके मेरे घर के Refrigerator मे ऐसे छोटे छोटे लिंग के आकार बनते हैं | आखिर ये सब किसके किसके लिंग हैं ????? और ये सारे लिंग गर्मियो मे क्यो पिघल जाते हैं???? आखिर पिछले जन्म की याद केवल भारत मे ही क्यो आती है लोगो को??? ब्राह्मण भगवान के सर से पैदा हुआ, क्षत्रिय छाती से, वेश्य पेट से, शुद्र तलवे से तो Jews Muslim Christian किधर से पैदा हुए??? यदि गंगा नदी शिवजी की जटाओ से निकलती है तो यमुना नील अमेज़न तिग्रिस झेलम नदियां किसकी जटाओ से निकलती हैं???? काल्प्निक देवी देवता लोग clean shave कैसे रहते हैं? Gillete का इस्तेमाल करते हैं क्या , मगर ब्राह्म्मा की दाढीमूछ कैसे??? देवी देवता के खूबसूरत ब्लाउज़ साडी सूट परिधान का designer कौन?? फिटिंग कोनसा टेलर करता है?? ये देवी देवता की सवारी केवल भारतीय जानवर शेर हाथी चूहा भैंस ही क्यों,, विदेशी जानवर कंगारू ज़ेब्रा डायनाआसोर क्यो नही??? ये देवी देवता के हथियार चाकू तलवार गदा त्रिशूल ही क्यों? अब तो जमाना बंदूक मशीनगन का है, क्या आपको नही लगता के ये प्राचीन पाखन्ड़ लोगों की दिमाग की उपज थी???? क्योंकि वो भारत मे रहकर विदेशों के जानवर, नदी, परिधान से अंजान थे ।....धर्म का आविष्कार केवल शोषण के उद्देश्य से हुआ, हमारे देश मे लक्ष्मी कुबेर की पूजा होती है मगर हम फिर भी गरीब है, जबकि अमरीका अरब अमीर देश है । हमारे देश मे इन्द्र्देव की पूजा होती है फिर भी हर साल बाढ़ सूखा, भूस्खलन आपदा, जबकि यूरोप इंग्लैंड खुशहाल, हमारे देश मे अन्न की देवी अन्नपूर्णा की पूजा होती है मगर फिर भी लाखों किसान भूखमरी से आत्महत्या करते हैं, ब्राज़ील, रूस का किसान खुशहाल है । विद्या की देवी सरस्वती की पूजा हमारे देश मे होती है फिर भी हम अशिक्षा से ग्रस्त, जबकि अमरीका, इंग्लैंड अतिशिक्षित देश है । हमारे देश मे पूजा पाठ जैसे ढोंग के लिये उत्तराखन्ड़ गये तो लाखों भक्तों बच्चों बूढो महिलाओं को मार डाला, कभी भक्तों की बस खाई मे गिर जाती है कभी हादसा हो जाता है क्या आपको नही लगता के आपके द्वारा धर्म वर्ण का पालन सीधे तौरपे राजनेता एवं धर्म के ठेकेदारों को लाभ पहुंचाता है, यदि पूजा अर्चना करने से आपको मन्न की शांति मिलती है तो मुल्लाओं को मज़ार दर्गाह, ईसाई को चर्च मे भी तो मन की शांति मिलती है, क्या आपको नही लगता के ये मात्र आपके मस्तिष्क का भ्रम है???? आखिर धर्म ने हमे दिया ही क्या है आज तक????, सुख शांति संपत्ति तो दुनिया के करोड़ नास्तिकों के पास भी है । कृपया इस मुद्दे पर दिमाग से चिन्तन करें, दिल से नही......
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प्लीज!.................................जय मूलनिवासी!!
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