जाकिर नाईक असल में आर एस एस का एजेंट है
| 07 Jul 2016
आर एस एस अपने इस राष्ट्रवाद के लिए एक बात चाहता है वह यह की हिन्दुवाद के नाम पर देश के सारे वोट एक तरफ हो जाए और मुस्लिम वोट एक तरफ ऐसा हो जाए तो आर एस एस का काम बन जाएगा और इस तरह ये लोग देश पर ब्राह्मण राज लाने में कामयाब हो जाएंगे
आर एस ने इस काम के लिए अपने तरह तरह के बौधिक , सांस्कृतिक , राजनैतिक , धार्मिक , दल और सन्घठन बनाए हुए है जो घूम फिर के आर एस एस की विचारधारा को सपोर्ट करते है
इसमें श्री श्री रवि शंकर , जो अपने तरह से काम करता है , लेकिन अंत में लोगो को संघ की तरफ ले जाता जय उसी तरह रामदेव जिसने आयुर्वेद और योगा के लिए काम किया लेकिन वो भी लोगो को संघ की तरफ ले जता है , ब्रह्मकुमारी , , बजरंग दल ,आदि इसके अलावा दंगे , और इनके राजनातिक हथकंडे सदीव इनके काम आते है .
लेकिन इन कामो से ये सब काम पूरा नहीं हो रहा था सो संघ ने सबसे पहले जाकिर नाईक को सामने लाये जिसके जरिये संघ ने भारत ही नहीं पूरी दनिया के सामने ये साबित किया की जाकिर नाइक से बड़ा आलिम यानी माहजब का जानकार दुनिया में कोई नहीं , इसके जरिये ये इस्लाम के और दुसरे धर्म की विवेचानाये की गई मकसद था जाकिर नाइक को ऐसा व्यक्ति साबित करना की वो जो कहे सारे मुसलमान वही करे , लेकिन शायद ऐसा नहीं हो पाया और मुस्लिम समाज ने उसे सिर्फ एक इस्लामिक स्कोलर के रूप में ही देखा
आर एस एस इस बात में भी कामयाब नहीं हो पाया की जाकिर नाइक किसी तरह से पाकिस्तानी आतंकी संघटन से जुडा हुआ है
सो इस मकसद को हांसिल करने के लिए आतंक की सरजमीं बदली गई यानी यानी आतंकी वारदातों को पाकिस्तान की जगह बंगलादेश से करवाया गया यानी शुरआत की गई और इसमें जाकिर नाइक के सम्बन्ध दरसाए गए .
जाकिर का सम्बन्ध आतंकवादियो से साबित करने का मतलब होगा को भारत के मुसलमानों की एक बहुत बड़ी जमात को आतंकी साबित करना , अब अंत क्या होगा पता नहीं लेकिन आर एस एस ने यह संदेश दे दिया है की मुस्लिम आतंकी होते है और आने वाले समय में अगर हिन्दुओ ने हिम्मत नहीं दिखाई तो मुस्लिम स्मारज्य भारत पर हो जाएगा
इस बात को भी समझ लेना जरूरी है की ओवेशी की तरह जाकिर नाइक आर एस एस का ही गुर्गा है और रामदेव , की तरह एक एजेंट है
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