सुरेश वाडकर

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Tuesday, November 18, 2014

********जगत गुरु रामपाल जी महाराज उस दिन मुख्यमंत्री कि प्रार्थना स्वीकार नही करते तो ?-----
आप सब ये भी पता है की 2006 में मुख्यमंत्री हरियाणा इन कथित आर्यों के साथ मिला हुआ था ! इन्ही की देख-रेख में करोंथा काण्ड हुआ था ! बिना किसी वजह के 2006 क्रोंथा कांड के दोरान भूपेन्द्र हुड्डा मुख्यमंत्री ने आश्रम खाली करवा लिया था और ! इन्ही मुख्यमंत्री ने जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज पर दुनिया भर के गलत आरोप लगाकर जेल में डाल दिया था ! और 22 महीने तक अपने पद का दुरूपयोग करके जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज की जमानत तक नही होने दी थी ! जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों ने सात साल कानूनी लड़ाई लड़ी हरियाणा उच्च न्यायालय ने आश्रम पर लगे सभी आरोपों को ख़ारिज करके सतलोक आश्रम को तुरंत जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों को सोम्पने का आदेश दिया ! फिर कथित आर्य समाज और हरियाणा सर्कार सुप्रीम कोर्ट चले गये ! अब फरवरी 2013 में भारत के सबसे बड़े न्यायालय ने जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज को बेकसूर साबित किया आश्रम पर सभी आरोपों को झूठ करार दिया व् तुरंत जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों को सतलोक आश्रम सोम्पने की हिदायत दी ! सर्कार ने सात अप्रैल 2013 जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों को आश्रम सोंपा ! नो अप्रैल को फिर इन कथित आर्यों ने हुड्डा की सहमती से आश्रम पर हमला किया ! ! जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों ने थाना परभारी रोहतक को हमलावरों को गिरफ्तार करने की गोंहार लगाई तो अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया ! जबकि जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों ने वीडियो क्लिप और फोटो दिखाए जिसमे हमलावर साफ़-साफ दिखाई दे रहे थे ! अब जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई जान चुके थे की हरियाणा का राजा सुप्रीम कोर्ट के फैंसले को धत्ता बताते हुए हमलावरों का साथ दे रहा है ! जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई ने 29 अप्रैल को {लग-भग 40000 } सोनिया गांधी और पर्धान मंत्री को ज्ञापन दिया ! और चेताया की सरकार और कथित आर्य समाजी मिलकर आश्रम पर हमला कर सकते हैं !
लेकिन अंधी-गूंगी-बहरी सर्कार के कानो पर जूं तक नही रेंगी और कथित आर्यसमाजियो {नक्सलवादियों } ने वही किया जो वो करना चाहते थे ...................................जब हुड्डा के हाथों से इनकी कमांड निकल गई इन नक्सलवादियों ने कानून अपने हाथ में ले लिया !करोंथा सतलोक आश्रम में जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइ भगवान का भजन कर रहे थे ! कुछ उपद्रवी उन पर हमला करने के लिए आगे बड़े पुलिश ने उनको आगे बदने से रोका तो पुलिश पर ही पथराव कर दिया !मजबूरी वस पुलिस ने अपने बचाव में गोली चलाई जिस से तिन व्यक्ति मारे गये ! जिनको खा जा रहा है की वो शहीद हो गये .....................जब हुड्डा के हाथों से इनकी कमांड निकल गई इन नक्सलवादियों ने कानून अपने हाथ में ले लिया ..... तब मुस्किल फंसे मुख्यमंत्री ने आई जी , डी आई जी , बरवाला पर्शासन सबको फोन पर जगत गुरु रामपाल जी महाराज को मनाने की गुहार लगाई ! अंत में हिसार के पूर्व M .P जे.पी को माध्यम बनाकर आश्रम पर्शासन से स्वयम अपनी कुर्सी जाने की बात कही और जगत गुरु रामपाल जी महाराज से अपील की "कि मानवता और इंसानियत के आधार पर मेहरवानी करके आश्रम को कुछ दिनों के लिए खाली कर दो "और जगत गुरु रामपाल जी महाराज ने इसे तुरंत स्वीकार कर लिया ! क्यूंकि संत बहुत नर्म दिल के होते हैं ! मानवता के लिए वे भूल जाते हैं कि मानवता कि बात करने वाला कोण है ? अगर जगत गुरु रामपाल जी महाराज उस दिन मुख्यमंत्री कि प्रार्थना स्वीकार नही करते तो आज वो मुख्यमंत्री कि कुर्सी गवां चुके होते खैर ...............अब फिर वही कथित आर्यसमाजी {नक्सलवादी }जगत गुरु रामपाल जी महाराज के अनुयाइयो को तंग कर रहे हैं ! और पर्शासन कोई ध्यान नही दे रहा है ! फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश कि धज्जियां उड़ाई जा रही है ! अहसान फरामोश मुख्यमंत्री चुप है ....... लेकिन इसको संत सताने कि सजा का नही पता और वो सजा परमेश्वर ही देंगे इस अन्यायी को .................कर्मश :
1 . जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइ क्या विदेशी हैं ? या उग्रवादी है ,या देश द्रोही, हैं जिन पर हमला करने वाले शहीद कहलाते हैं ? ऐसा क्या सविंधान में कानून है कोई भारत का नागरिक अपने घर में परभू भजन कर रहा हो और उस पर हमलावर शहीद कहलाये ?
2 . पुलिश भारत के संविधान में लिखे कानून की रक्षया के लिए, और शांति बनाये रखने के लिए, तथा निर्दोष जनता पर हमला करने वालो को रोकने के लिए आगे बदती है ! हमलावर उसी पुलिस पर पथराव कर देते हैं ! 60 -70 पुलिश कर्मी घायल हो जाते हैं ! अपने बचाव में पुलिश को गोली चलानी पडती है और जिस से तीन व्यक्ति मारे जाते हैं !! अगर वो शहीद हैं तो फिर पुलिश पाकिस्तानी फोज थी क्या ?
---------------अहसान फरामोश मुख्यमंत्री चुप----------------
आप सब ये भी पता है की 2006 में मुख्यमंत्री हरियाणा इन कथित आर्यों के साथ मिला हुआ था ! इन्ही की देख-रेख में करोंथा काण्ड हुआ था ! बिना किसी वजह के 2006 क्रोंथा कांड के दोरान भूपेन्द्र हुड्डा मुख्यमंत्री ने आश्रम खाली करवा लिया था और ! इन्ही मुख्यमंत्री ने जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज पर दुनिया भर के गलत आरोप लगाकर जेल में डाल दिया था ! और 22 महीने तक अपने पद का दुरूपयोग करके जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज की जमानत तक नही होने दी थी ! जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों ने सात साल कानूनी लड़ाई लड़ी हरियाणा उच्च न्यायालय ने आश्रम पर लगे सभी आरोपों को ख़ारिज करके सतलोक आश्रम को तुरंत जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों को सोम्पने का आदेश दिया ! फिर कथित आर्य समाज और हरियाणा सर्कार सुप्रीम कोर्ट चले गये ! अब फरवरी 2013 में भारत के सबसे बड़े न्यायालय ने जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज को बेकसूर साबित किया आश्रम पर सभी आरोपों को झूठ करार दिया व् तुरंत जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों को सतलोक आश्रम सोम्पने की हिदायत दी ! सर्कार ने सात अप्रैल 2013 जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों को आश्रम सोंपा ! नो अप्रैल को फिर इन कथित आर्यों ने हुड्डा की सहमती से आश्रम पर हमला किया ! ! जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों ने थाना परभारी रोहतक को हमलावरों को गिरफ्तार करने की गोंहार लगाई तो अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया ! जबकि जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों ने वीडियो क्लिप और फोटो दिखाए जिसमे हमलावर साफ़-साफ दिखाई दे रहे थे ! अब जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई जान चुके थे की हरियाणा का राजा सुप्रीम कोर्ट के फैंसले को धत्ता बताते हुए हमलावरों का साथ दे रहा है ! जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई ने 29 अप्रैल को {लग-भग 40000 } सोनिया गांधी और पर्धान मंत्री को ज्ञापन दिया ! और चेताया की सरकार और कथित आर्य समाजी मिलकर आश्रम पर हमला कर सकते हैं !
लेकिन अंधी-गूंगी-बहरी सर्कार के कानो पर जूं तक नही रेंगी और कथित आर्यसमाजियो {नक्सलवादियों } ने वही किया जो वो करना चाहते थे ...................................करोंथा सतलोक आश्रम में जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइ भगवान का भजन कर रहे थे ! कुछ उपद्रवी उन पर हमला करने के लिए आगे बड़े पुलिश ने उनको आगे बदने से रोका तो पुलिश पर ही पथराव कर दिया !मजबूरी वस पुलिस ने अपने बचाव में गोली चलाई जिस से तिन व्यक्ति मारे गये ! जिनको खा जा रहा है की वो शहीद हो गये .....................जब हुड्डा के हाथों से इनकी कमांड निकल गई इन नक्सलवादियों ने कानून अपने हाथ में ले लिया ! तब मुस्किल फंसे मुख्यमंत्री ने आई जी , डी आई जी , बरवाला पर्शासन सबको फोन पर जगत गुरु रामपाल जी महाराज को मनाने की गुहार लगाई ! अंत में हिसार के पूर्व M .P जे.पी को माध्यम बनाकर आश्रम पर्शासन से स्वयम अपनी कुर्सी जाने की बात कही और जगत गुरु रामपाल जी महाराज से अपील की "कि मानवता और इंसानियत के आधार पर मेहरवानी करके आश्रम को कुछ दिनों के लिए खाली कर दो "और जगत गुरु रामपाल जी महाराज ने इसे तुरंत स्वीकार कर लिया ! क्यूंकि संत बहुत नर्म दिल के होते हैं ! मानवता के लिए वे भूल जाते हैं कि मानवता कि बात करने वाला कोण है ? अगर जगत गुरु रामपाल जी महाराज उस दिन मुख्यमंत्री कि प्रार्थना स्वीकार नही करते तो आज वो मुख्यमंत्री कि कुर्सी गवां चुके होते खैर ...............अब फिर वही कथित आर्यसमाजी {नक्सलवादी }जगत गुरु रामपाल जी महाराज के अनुयाइयो को तंग कर रहे हैं ! और पर्शासन कोई ध्यान नही दे रहा है ! फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश कि धज्जियां उड़ाई जा रही है ! अहसान फरामोश मुख्यमंत्री चुप है ....... लेकिन इसको संत सताने कि सजा का नही पता और वो सजा परमेश्वर ही देंगे इस अन्यायी को .................कर्मश :
जब हुड्डा के हाथों से इनकी कमांड निकल गई इन नक्सलवादियों ने कानून अपने हाथ में ले लिया .....
1 . जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइ क्या विदेशी हैं ? या उग्रवादी है ,या देश द्रोही, हैं जिन पर हमला करने वाले शहीद कहलाते हैं ? ऐसा क्या सविंधान में कानून है कोई भारत का नागरिक अपने घर में परभू भजन कर रहा हो और उस पर हमलावर शहीद कहलाये ?
2 . पुलिश भारत के संविधान में लिखे कानून की रक्षया के लिए, और शांति बनाये रखने के लिए, तथा निर्दोष जनता पर हमला करने वालो को रोकने के लिए आगे बदती है ! हमलावर उसी पुलिस पर पथराव कर देते हैं ! 60 -70 पुलिश कर्मी घायल हो जाते हैं ! अपने बचाव में पुलिश को गोली चलानी पडती है और जिस से तीन व्यक्ति मारे जाते हैं !! अगर वो शहीद हैं तो फिर पुलिश पाकिस्तानी फोज थी क्या ?

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