सुरेश वाडकर

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Tuesday, November 18, 2014

आम बजट 2014-15: एक नजर

आम बजट 2014-15: एक नजर

 केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 10 जुलाई 2014 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2014-15 का बजट पेश किया. वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया यह पहला ‘आम बजट’ है.
आम बजट 2014-15: आर्थिक परिदृश्य
•    बेरोजगारी, अपर्याप्त मूलभूत सुविधाओं, अभावग्रस्त बुनियादी संरचना आदि समस्याओं के कारण आर्थिक विकास दर 5 प्रतिशत तथा द्विअंकीय मुद्रास्फीति है.
•    उभरती अर्थव्यवस्थाओं में जारी मंदी वैश्विक आर्थिक स्थिति में सुधार में अवरोधक बने हुए हैं.
•    वर्ष 2013-14 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनुमानित विकास दर की रिकवरी 3.6 प्रतिशत रही.
•    अगले तीन-चार वर्षों में 7.8 प्रतिशत की स्थिर विकास दर का लक्ष्य.
•    कर से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुपात में सुधार और कर-भिन्न राजस्व वृद्धि होनी चाहिए.
•    वर्ष 2011-12 में राजकोषीय घाटा 5.7 प्रतिशत घटकर वर्ष 2013-14 में 4.5 प्रतिशत रह गया. यह मुख्यतः उच्चतर राजस्व वसूली की तुलना में घटते व्यय के कारण रहा.
•    वर्ष 2012-13 में चालू खाते के घाटे में 4.7 प्रतिशत का सुधार रहा जोकि वर्ष के अंत तक 1.7 प्रतिशत रहा. इस सुधार की वजह गैर-जरूरी आयातों एवं कुल मांग व्याप्त कमी रही.
•    4.1 प्रतिशत राजकोषीय घाटा पिछले दो वर्षों के निम्नतर जीडीपी विकास, स्थिर औद्योगिक विकास दर, अप्रत्यक्ष करों में धीमी वृद्धि, सब्सिडी के बोझ एवं उत्साहहीन कर उछाल की पृष्ठभूमि में निराशाजनक परिदृश्य.
•    राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए राजकोषीय समेकन के खाते में 2015-16 में 3.6 प्रतिशत और 2016-17 में 3 प्रतिशत राजकोषीय घाटे का अनुमान.
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का पूंजी व्यय
•    चालू वित्त वर्ष में पूंजी निवेश के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को कुल रुपये 247941 करोड़ की राशि निवेश करने का लक्ष्य.
बजट अनुमान
•    राजकोषीय समेकन से समझौता किए बिना अधिदेश पूरा किया जाना.
•    सशस्त्र बलों के लिए पूंजीगत व्यय और उर्वरक सब्सिडी हेतु अतिरिक्त प्रावधान के साथ 1219892 करोड़ रुपये का आयोजना भिन्न व्यय.
•    575000 करोड़ रुपये का आयोजना व्यय, वर्ष 2013-14 के वास्तविक आकड़ों की तुलना में 26.9 प्रतिशत की वृद्धि.
•    कृषि, स्वास्थ्य औऱ शिक्षा में क्षमता सृजन, ग्रामीण सकड़ों और राष्ट्रीय राजमार्गों की अवसंरचना, रेल नेटवर्क विस्तार, स्वच्छ ऊर्जा पहलें, जल संसाधनों का विकास एवं नदी संरक्षण योजनाओं के लक्ष्यों के लिए आयोजना में वृद्धि.
•    1794892 करोड़ के कुल व्यय का अनुमान.
•    1364 करोड़ की सकल कर प्राप्तियों का अनुमान.
•    977258 करोड़ का केंद्र को निवल का अनुमान.
•    सं.घ.उ. का 4.1 प्रतिशत राजकोषीय घाटा तथा 2.9 प्रतिशत का राजस्व घाटा अनुमानित.
•    पूवोत्तर क्षेत्र के लिए आयोजना आवंटन को पृथक रूप से दर्शाती नई विवरणी. पूर्वोत्तर क्षेत्रओं के लिए 53706 करोड़ का आवंटन.
•    एससीएसपी के तहत 50548 करोड़ तथा टीएसपी के तहत 32387 करोड़ का आवंटन.
•    महिलाओं के लिए 98030 करोड़ तथा बच्चों के लिए 81075 करोड़ का आवंटन.

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)
•    सरकार चुनिंदा क्षेत्रों में एफडीआई को बढ़ावा देगी.
•    एफआईपीबी मार्ग के माध्यम से पूर्ण भारतीय प्रबंध एवं नियंत्रण के चलते विदेशी निवेश की मिश्रित सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत करना.
•    पूर्ण भारतीय प्रबंधन एवं एफआईपीबी रूट के द्वारा नियंत्रण के माध्यम से बीमा क्षेत्र में कंपोजिट कैप 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करना.
•    स्मार्ट नगरों के विकास के लिए एफडीआई की बिल्डअप क्षेत्र की अपेक्षाओं और पूंजीस्थितियों को घटाकर क्रमशः 50000 वर्ग मीं से 20000 वर्गमी. करना और 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटाकर 5 बिलियन डॉलर करना.
•    विनिर्माण इकाईयों को अपने उत्पाद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों सहित खुदरा तौर पर बेचने पर अनुमति.

आम बजट 2014-15: बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र
बैंकिंग
•    बासेल मानकों के अनुरूप 2018 तक हमारे बैंकों में इक्विटी के रूप में रु.240000 करोंड़ के पूंजीकरण की आवश्यकता.
•    चरणबद्ध रूप से जनता की शेयरधारिता के जरिए बैंकों में पूंजी को बढ़ाये जाने की आवश्यकता.
•    समाज के कमजोर वर्गों पर ध्यान केंद्रित करते हुए 15 अगस्त को वित्तीय समावेश मिशन नामक एक समयबद्ध कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.
•    नम्य संरचना के साथ अवसंचपना क्षेत्र को दीर्धावधिक ऋण प्रदान करने के लिए बैंकों को प्रोत्साहन दिया जाएगा.
•    बैंकों को न्यूनतम विनियमकारी पूर्व क्रय जैसे सीआरआर, एसएलआर तथा पाथमिकता-प्राप्त क्षेत्र उधार (पीएसएल) के साथ अवसंरचना क्षेत्र को उधार देने के लिए दीर्धावधिक निधियां जुटाने की अनुमति दी जाएगी.
•    छोटे बैंकों तथा अन्य अलग से निर्धारित किए गए बैंकों को लाइसेंसिंग के लिए भारतीय रिजर्व बैंक एक रूपरेखा सृजित करेगा.
•    छोटे हितों को पूरा करने वाले अलग से निर्धारित किये गये बैंकों, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों, भुगतान बैंकों आदि पर छोटे व्यवसाय, असंगठित क्षेत्र, कम आय वाले परिवारों, किसानों और प्रवासी कार्य बल की ऋण और प्रेषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए विचार-विमर्श किया गया.
•    छह नये ऋण वसूली अधिकरण स्थापित किये जाएंगे.
•    उद्यम पूंजी निधियों, अर्ध-इक्विटी और कम ब्याज दर वाले ऋण और अन्य जोखिम पूंजी के माध्यम से खासकर युवाओं द्वारा नए आयोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इक्विटी उपलब्ध कराने हेतु 10000 करोड़ रुपये के आधारभूत निधि वाले निधियों की निधि की स्थापना का प्रावधान.
लघु बचतें
•    किसान विकास पत्र (केवीपी) पुनः शुरू किये जाएंगे.
•    बालिका की शिक्षा एवं विवाह की जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष लघु बचत शुरू की जाएगी.
•    लघु बचतकर्ताओं को अतिरिक्त लाभ प्रदान करने के लिए बीमा कवर सहित राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र.
•    पीपीएफ योजना में, वार्षिक अधिकतम सीमा वर्तमान से एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की जाएगी.
वित्तीय क्षेत्र
•    भारतीय वित्तीय संहिता के अधिनियम के संबंध में सभी हितधारकों के साथ परामर्श की चल रही प्रक्रिया और वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग (एफएसएलआरसी) की रिपोर्टों को पूरा किया जाएगा.
•    भारतीय रिजर्व बैंक के साथ घनिष्ठ परामर्श से आधुनिक मौद्रिक नीतिगत रूपरेखा को तैयार किया गया.
•    पूंजी बाजारों को ऊर्जावान बनाने के लिए अग्रलिखित उपाय किये जाने हैं – समूचे द्वितीय क्षेत्र में एक समान केवाईसी मानदंडो एवं केवाईसी रिकार्डों की अंतर-उपयोगिता को प्रारंभ करना, एक सिंगल ऑपरेटिंग डिमेट खाते को प्रारंभ करना और पेंशन निधि तथा म्युचुअल फंड से जुड़ी सेवानिवृत्ति योजना के लिए एकसमान कर उपाय करना.

बीमा क्षेत्र
•    लंबित बीमा कानून (संशोधन) विधेयक तत्काल विचार के लिए संसद में लाया जाएगा.
•    इनामी चिट और धन परिचालन स्कीम (पाबंदी) अधिनियम, 1978 के अंतर्गत विनिमयकारी अंतराल को भरा जाएगा.
•    बीमा क्षेत्र में कंपोजित कैप 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया जाएगा.

आम बजट 2014-15: अवंसरचना
•    4 पी इंडिया नामक पीपीपीपी को मुख्यधारा में लाने के लिए सहायता उपलब्ध कराने हेतु 500 करोड़ रुपये की निधि वाले एक संस्थान की स्थापना की जाएगी.
•    चरण-I हेतु तूतीकोरिन में बाह्य बंदरगाह परियोजना के विकास हेतु 11635 करोड़ का आवंटन.
•    कांडला एवं जेएएनपीटी में विशेष आर्थिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा.
•    भारतीय जहाज निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक नीति की घोषणा की जाएगी.
•    इलाहाबाद एवं हल्दिया के बीच जलमार्ग विकास नामक गंगा परियोजना का विकास किया जाएगा.
•    टियर-I एवं टियर-II शहरों में नए हवाई अड्डों के विकास हेतु योजना की शुरूआत की जाएगी.
•    स्विकृति संबंधी प्रचुर अड़चनों के निकारण के साथ-साथ इस क्षेत्र में भारी मात्रा में निवेश की जरूरत है.
•    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं राज्य सड़कों के बीच 37880 करोड़ रुपये की राशि के निवेश का प्रावधान, जिसमें पूर्वोत्तर के लिए 3000 करोड़ रुपये शामिल हैं.
•    वर्तमान वित्त वर्ष में 8500 किमी के राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त किया जाना है.
•    औद्योगिक गलियारों के समांतर विकास के लिए चुनिंदा एक्सप्रेस मार्ग के कार्य की शुरूआथ की जानी है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को कुल 500 करोड़ रुपये दिये जाएंगे.

आम बजट 2014-15: उद्योग एवं कॉर्पोरेट
•    केंद्रीय सरकार के विभागों एवं मंत्रालयों को इस वर्ष के अंत तक प्राथमिकता के अधार पर सेवाओं के लिए ई-ब्रिज-एकल विंडो आईटी प्लेटफॉर्म से जोड़ना.
•    राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा प्राधिकरण की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये.
•    चेन्नई-बेंगलूरू औद्योगिक गलियारा क्षेत्र में 3 नये स्मार्ट शहरों की मास्टर योजना – तमिलनाडु में पोन्नेरी, आंध्र प्रदेश में कृष्णापट्टनम और कर्नाटक में तुमकुर.
•    20 नये औद्योगिक क्लस्टरों के प्रावधान वाले बेंगलूरू मुंबई आर्थिक गलियारा (बीएमईसी) हेतु संभावित योजना और विजाग-चेन्नई गलियारा.
•    स्मार्ट शहरों पर बल देते हुए औद्योगिक गलियारों के विकास में तेजी.
•    एक छत के नीचे सभी स्टेकहोल्डरों को लाने के लिए एक निर्यात संवर्धन मिशन की स्थापना का प्रस्ताव.
•    उद्योगों एवं युवाओ को उत्तरदायी बनाने हेतु प्रशिक्षुता अधिनियम में संशोधन.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र
•    रोजगार परक एवं उद्यम कौशलों पर बल देते हुए युवाओं के कौशल विकास के लिए कौशल भारत की शुरुआत करना.
•    सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए वित्तीय अवसंरचना की जांच करने, बाधाओं को दूर करने और नए नियमों को तैयार करने और संचरनाओं के गठन किये जाने और तीन महीनों में ठोस सुझाव देने हेतु एक समिति का गठन किया जाना.
•    उद्यम पूंजी निधियों, अर्ध-इक्विटी और कम ब्याज दर वाले ऋण और अन्य जोखिम पूंजी के माध्यम से खासकर युवाओं द्वारा नए आयोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इक्विटी उपलब्ध कराने हेतु 10000 करोड़ रुपये के आधारभूत निधि वाले निधियों की निधि की स्थापना का प्रावधान.
•    रुपये 200 करोड़ की आधारभूत निधि वाले तकनीकी केंद्र नेटवर्क की स्थापना.
•    उच्चतर पूंजी अधिकतम सीमा की व्यवस्था करने के लिए एमएसएमई की परिभाषा की पुनरीक्षा की जाएगी.
•    विनिर्माण एवं सेवा सुपुर्दगी की बहुमुल्य श्रृंखला वाले अगले एवं पिछले संयोजन को बेहतर बनाने के लिए कार्यक्रम की स्थापना की जाएगी.
•    लघु एवं मध्यम उद्यम के लिए उद्यम अनुकूल विधिक दिवालिया फ्रेमवर्क का विकास किया जाना.
•    उद्यमिता में तेजी हेतु नई अवधारणाओं एवं आवश्यक सहायता के ऊष्मामित्र के लिए एक राष्ट्रव्यापि “जिला स्तरीय ऊष्मामित्र एवं त्वरित कार्यक्रम” शुरू किये जाएंगे.

वस्त्र
•    हथकरघा उत्पादों को विकसित करने एवं और उन्हें बढ़ावा देने के लिए एक व्यापार सुविधाकरण केंद्र एवं एक शिल्प संग्रहालय का स्थापना हेतु रुपये 50 करोड़ का प्रावधान, ताकि वाराणसी के हथकरघा की उच्च परंपरा को बढ़ावा मिले.
•    वाराणसी एवं छह और स्थानों बरेली, लखनऊ, सूरत, कच्छ, भागलपुर और मैसूर में टेक्सटाइल मेगा-क्लस्टर विकसित करने के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन.
•    दिल्ली में पीपीपी प्रणाली में हथकरघा/हस्तशिल्प क्षेत्र के संरक्षण, बहाली एवं प्रलेखन के लिए हस्तकला अकादमी की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये का आवंटन.
•    पशमिना संवर्धन कार्यक्रम (पी-3) और जम्मू एवं कश्मीर के अन्य शिल्पों के विकास की शुरूआत के लिए 50 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया जाना.
आम बजट 2014-15: शहरी विकास से जुड़े मुख्य तथ्य
•    “सौ स्मार्ट शहरों” के विकास की परियोजना के लिए चालू राजकोष में 7060 करोड़ की राशि मुहैया कराई जाएगी.
•    रीयल एस्टेट निदेश ट्रस्ट (आरईआटीएस) के लिए प्रोत्साहन. कराधान के प्रायोजन से पूर्ण पास थ्रू.
•    अवसंरचना निवेश न्यास के रुप में अवसंरचना परियोजनाओं हेतु आशोधित आरईआईटीएस की तरह संरचना
•    ये दो लिखते एनआरआई सहित विदेशी और घरेलू स्त्रोतों से दीर्घावधिक वित्त पोषण जुटाने के लिए
शहरी विकास
•    सरकार का अवलोकन हे कि पीपीपी के जरिए अगले 10 वर्षो में अवसंरचना और सेवाओं के नवीकरण हेतु 500 शहरी बसावटों को साहयता उपलब्ध कराई जाए.
•    वर्तमान पूलबद्ध नगरपालिका ऋण देयता सुविधा निधि 5000 करोड़ से बढ़ाकर 50000 करोड़ की जाए.
•    लखनऊ और अहमदाबाद में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ उपलब्ध कराए गए.
आवास
•    लोगों विशेषकर युवाओं को अपने घर के लिए प्रोत्साहित करने हेतु गृह ऋणों पर विस्तारित अतिरिक्त कर प्रोत्साहन.
•    राष्ट्रीय आवास बैंक के सहारे निम्न लागत के सस्ते मकानों संबंधी मिशन गठित किया जाएगा.
•    शहरी गरीब/ईडब्ल्यूएस/एलआईजी घटकों को सस्ते मकान हेतु सस्ता ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए प्राथमिक क्षेत्र की उधार में कमी के लिए राष्ट्रीय आवास बोर्ड से 4000 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई जा रही है.

आम बजट 2014-15: ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े मुख्य तथ्य
•    हर गांव तक बिजली पहुँचाने हेतु 500 करोड़.
•    गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की दीन दयाल ग्राम ज्योतियोजना की घोषणा.
•    सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना की स्थापना के लिए अपेक्षित मशीनरी एवं उपस्कर पर 5 प्रतिशत का रिआयती बुनियादी सीमा शुल्क.
•    पवन चालित बिजली जेनरेटरों के बियरिंगो के विनिर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले फोर्जड स्टील रिंगों पर बुनियादी सीमा-शुल्क 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत. पवन चालित जेनरेटरों के विनिर्माण के लिए अपेक्षित पुर्जों एवं कच्चे माल पर लगने वाले 4 प्रतिशत के विशेष अतिरिक्त शुल्क को छूट.
•    कंप्रैस्ड बाओ गैस संयंत्रो की स्थापना के लिए अपेक्षित मशीनरी एवं उपस्कर पर 5 प्रतिशत का रिआयत बुनियादी सीमा-शुल्क.
•    अंथ्रेसाइट कोयले, बिटुनिमस कोयले, कोकिंग कोयले, स्टीम कोयले पर लगने वाले शुल्क की तर्ज पर, शून्य से 2.5 प्रतिशत.
•    धातुकर्म कोक पर बुनियादी सीमा-शुल्क, कोकिंग कोयले पर लगने वाले शुल्क की तर्ज पर, शून्य से 2.5 प्रतिशत.
•    नवीकरण ऊर्जा विकसित करने के विभिन्न वस्तुओं को उत्पाद शुल्क से छूट.
ऊर्जा
•    अल्ट्रा-माडर्न सुपर क्रीटीकल कोयला आधारित ताप विद्युत प्रौद्योगिकी नामक नई योजना के लिए 100 करोड़ आवंटित किए गए हैं.
•    घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए व्यापक उपाय किए जा रहे हैं
•    उन विद्युत संयत्रों को कोयले की पर्याप्त मात्रा प्रदान की जाएगी जो पहले से शुरु हो चुके हैं अथवा मार्च 2015 तक शुरु किए जाएंगे.
•    कोयले को अधिक से अधिक ढ़ोने तथा विद्युत की लागत को कम करने के लिए कोयला संयोजन को तर्कसंगत बनाने के लिए एक प्रक्रिया चल रही है.

नई तथा नवीकरण ऊर्जा
•    राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश तथा लद्दाख में अल्ट्रा मेगा सौर विद्युत परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ प्रदान किए गए.
•    सौर विद्युत प्रेरक कृषि तथा जल पंपिंग स्टेशनों के लिए योजना हेतु 400 करोड़ प्रदान किए गए.
•    नहरों के किनारे 1 मेगावाट के सौर पार्कों के विकास के लिए 100 करोड़ प्रदान किए गए.
•    देश में नवीकरणीय ऊर्जा के निष्क्रमण को सुगम बनाने के लिए हरित उर्जा कोरीडोर परियोजना कार्यान्वित की जा रही है.
पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस
•    कोल बैड मीथेन भंडारों का उत्पादन और दोहन तेज किया जाएगा.
•    पुराने और बंद कुओं को दोबारा चालू करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रयोग की संभावना खोजी जाएगी.
•    मिशन मॉड में पीएनजी का प्रयोग तेजी से बढ़ाया जाएगा.
•    उपयुक्त पीपीपी मॉडलों का प्रयोग करते हुए पाइपलाइनों को विकसित करने का प्रस्ताव.
खनन
•    खनन क्षेत्र में निवेश को बढाने तथा संपोषणीय खनन प्रथाओं के संवर्धन के लिए, यदि आवश्यक हुआ, तो एमएमडीआर अधिनियम, 1957 में परिवर्तन किए जाएंगे.
•    31.03.2017 तक विद्युत का उत्पादन, विवरण, और संप्रेषण शुरु करने वाले उपक्रमों को 10 वर्षों तक कारावकाश.
केंद्रीय बजट (आम बजट): वर्ष-दर-वर्ष सूचनाएं

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