गाँधी खानदान कि असलियत
आइए आज गाँधी की कुछ असलियत जानते है, जो हमे हमारी स्कूली किताबो मे पढ़ने को नही मिला.गाँधी – वो शख्स, जो कहता था कि उसके मन मे
कभी बलात्कार करने की भावना नही आती.हाँ, ये सच है कि वो बलात्कार नही कर
सकते थे. लेकिन इस चीज को वो साबित करने के लिए अपने साथ किसी गरीब घरकी
लड़की को नंगा करके उसके साथ नंगा सोते थे. क्या ये सही था?
आजादी के बाद अखंड भारत को तीन हिस्सो मे तोड़ने की स्वीकृति इसी गाँधी ने दी थी.क्या ये सही था?
सरदार पटेल की जगह नेहरू को प्रधानमंत्री बनाने के लिए भी गाँधी ने ही कहा था.क्या ये सही निर्णय था?
ये वही गाँधी था जिसने सुभाष चंद्र बोस का कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिलवाया था.क्या ये सही था?
जब नेहरू की बेटी इंदिरा एक मुस्लिम के साथ शादी कर चुकी थी और नेहरू ने
उसे अपने घर से, अपने नाम से,अपनी हर चीज से बेदखल कर दिया था, तब इसी
गाँधी ने इंदिरा और फिरोज को अपना SURNAME देकर गाँधी बनाया ताकि गाँधी के
नाम पर ये इस देश को अंग्रेजो की तरह लूटते रहे.क्या ये सही फैसला था?
जब सरदार भगतसिंह को फाँसी होने वाली थी तो गाँधी और नेहरू ही वो शख्स थे
जो इस फाँसी को रुकवा सकते थे.लेकिन वो गाँधी ही था जिसने भगतसिंह की फाँसी
रुकवाने की बजाए उसकी फाँसी की तिथि बदलवाकर पहले करवा दी,
क्योकि अंग्रेज एक हफ्ते के अंदर सभी क्रांतिकारियो को रिहा करने वाले थे
और भगतसिंह उस वक्त इतने लोकप्रिय हो गए थे कि लोग उनकी एक आवाज पर अपनी
जान दे देते. लेकिन गाँधी को अपनी दबती हुई
छवि मंजूर नही थी.क्या ये सही निर्णय था?
नेताजी सुभाष चंद्र बोस जिनकी एक आवाज पर लोगो ने अपने गहने जेवरात बेचकर
24 घंटे के अंदर लाखो रुपए इकठ्ठे कर लिए थे सुभाष का साथ देने के लिए, उस
लोकप्रिय सुभाष को गाँधी और नेहरू ने मिलकर भारत से बाहर भेजकर एक गुमनामी
की जिंदगी जीने के लिए मजबूर कर दिया और उनकी मृत्यु की झूठी खबर फैला दी
ताकि लोगो की सुभाष के लिए बढ़ती आवाज को दबा सके, क्योकि वो नही चाहते थे
कि आजादी के समय गाँधी से ज्यादा कोई और लोकप्रिय नेता हो. क्या ये सही
फैसला था? मेरा भारत महान….!!!!!!
No comments:
Post a Comment