काला धन: 25 लाख करोड़ या ज़्यादा?
गुरुवार, 15 दिसंबर, 2011 को 01:10 IST तक के समाचार
काला धन मतलब ऐसा धन जो अवैध तरीके से
कमाया जाए और सरकार को जिसकी ख़बर नहीं हो
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष लालकृष्ण
आडवाणी कहते हैं कि विदेशी बैंकों में भारतीयों ने 25 लाख करोड़ की रक़म जमा कर रखी
है. बाबा रामदेव दो लाख करोड़ का आँकड़ा देते हैं.
स्विस बैंकिंग एसोसिएशन की एक रिपोर्ट
के मुताबिक दुनिया का सारा काला धन मिला दें, तो भारत में उससे भी ज़्यादा काला धन
है और भारतीयों ने डेढ़ ख़रब डॉलर की रक़म स्विस बैंकों में जमा कर रखी है.
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काले धन पर बातें तो सालों से होती रही
हैं लेकिन क्या सरकार के काला धन वापस लाना आसान है? और कुछ लोग तो दबे मुँह से ये
भी कहने लगे हैं कि काला धन भारतीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है और अगर ये
बाहर गया तो अर्थव्यवस्था ही बैठ जाएगी.
काला धन मतलब ऐसा धन जो अवैध तरीके से
कमाया जाए और सरकार को जिसकी ख़बर नहीं हो.
लेकिन क्या सरकार ने काले धन को वापस लाने
के लिए काफ़ी काम किया है?
काले धन मुद्दे पर सरकार पर दबाव है, तभी
भारत ने स्विट्ज़रलैंड और लग्ज़मबर्ग जैसे देशों से कर-संबंधी समझौतों पर हस्ताक्षर
किए हैं.
वित्त मंत्री के मुताबिक भारत 75 देशों
के साथ कर समझौतों पर दोबारा बातचीत कर रहा है और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, केमन आइलैंड,
आइल ऑफ़ मान जैसे द्वीपों में जहाँ टैक्स आसानी से बचाया जा सकता है, उनके साथ जानकारी
के लेन-देन के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.
लेकिन भारतीय प्रबंधन संस्थान बैंगलोर
के प्रोफ़ेसर आर वैद्यनाथन कहते हैं कि सरकार में इमानदारी की कमी है.
'दुनिया की रेड लाइट'
"केमन आइलैंड जैसे टैक्स हेवन दुनिया
के रेड लाइट इलाके जैसे हैं और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यस्था के लिए खतरा हैं. मैं इस
बात से हैरान हूँ कि सरकार कहती है कि जर्मनी से मिले एकाउंटधारकों को नाम को वो सार्वजनिक
नहीं कर सकती क्योंकि समझौते में यही लिखा है. सरकार को ऐसा समझौता करना ही नहीं चाहिए
था जिसके तहत वो नाम नहीं सार्वजनिक न कर पाए"
प्रोफ़ेसर आर वैद्यनाथन
वो कहते हैं, “केमन आइलैंड जैसे टैक्स
हेवन दुनिया के रेड लाइट इलाके जैसे हैं और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यस्था के लिए खतरा
हैं.
मैं इस बात से हैरान हूँ कि सरकार कहती है कि जर्मनी से मिले एकाउंटधारकों को नाम को वो सार्वजनिक नहीं कर सकती क्योंकि समझौते में यही लिखा है. सरकार को ऐसा समझौता करना ही नहीं चाहिए था जिसके तहत वो नाम नहीं सार्वजनिक न कर पाए.”
मैं इस बात से हैरान हूँ कि सरकार कहती है कि जर्मनी से मिले एकाउंटधारकों को नाम को वो सार्वजनिक नहीं कर सकती क्योंकि समझौते में यही लिखा है. सरकार को ऐसा समझौता करना ही नहीं चाहिए था जिसके तहत वो नाम नहीं सार्वजनिक न कर पाए.”
काले धन पर याचिका
काले धन को लेकर याचिकाएँ भी दायर की गई
हैं.
संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप ने राम जेठमलानी
और केपीएस गिल के साथ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर माँग की कि इस बारे में एक
विशेष जाँच टीम बनाई जाए और सरकार काले धन को वापस लाने के लिए कदम उठाए.
लेकिन जब उच्चतम न्यायालय ने ऐसा आदेश
दिया तो सरकार ने न्यायालय से अपना आदेश वापस लेने को कहा.
जब उनसे पूछा गया कि वो क्यों चाहते थे
कि सीबीआई या फिर दूसरी सरकारी एजेंसियाँ काले धन की जाँच नहीं करें?
वो कहते हैं, “सीबीआई सरकार के तहत काम
करती है. उससे ये आशा नहीं की जा सकती कि वो 100 फ़ीसदी ईमानदारी से जाँच करेगी.”
लेकिन क्या काला धन वापस लाना संभव है?
अर्थशास्त्री कहते हैं कि इसके लिए बहुत छोटे-छोटे कदम उठाने की ज़रूरत है. जो लोग
बार-बार टैक्स हैवन द्वीपों की यात्रा करते हैं, उन पर निगरानी रखी जाए और कर एजेंसियों
को चुस्त-दुरुस्त किया जाए.
प्रोफ़ेसर वैद्यनाथन कहते हैं कि जहाँ
फ्रांस और जर्मनी जैसे देश जहाँ की अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी हालत में नहीं हैं, वो
इस धन को हाथ से नहीं जाने देना चाहते.
उनका कहना है कि दुनिया भर के देशों को
इस बारे में भी चिंता है कि काला धन का कुछ हिस्सा आतंकवाद में भी खर्च किया जा रहा
है. इसलिए भारत को भी सख़्त कदम उठाने होंगे.
मोदी का 'मेक इन इंडिया': 10 ख़ास बातें
- 25 सितंबर 2014
1.
मैं नहीं चाहता कि किसी उद्योग या उद्योगपति
को देश छोड़कर जाना पड़े.हम अपनी सरकार के छोटे से कार्यकाल में यह मानसिकता बदल चुके
हैं.
2.
सरकार का मंत्र है कि उस पर हर देशवासी भरोसा
करे. प्रधानमंत्री ने कॉरपोरेट गवर्नेंस को ज़रूरी बताया.
3.
संसद की चहारदीवारी के बाहर भी देशवासियों
के मन को जगाकर परिवर्तन लाया जा सकता है.
4.
एफ़डीआई एक तरफ़ जहाँ देशवासियों के लिए एक
ज़िम्मेदारी है, वहीं विदेशी उद्यमियों के लिए यह एक अवसर है.
5.
प्रधानमंत्री ने एफ़डीआई की एक नई परिभाषा
देते हुए कहा, फ़र्स्ट डेवेलप इंडिया.
6.
दुनिया में व्यापार के माहौल के मामले में
भारत का स्थान 135 पर हैं. सरकार अपने नियमों में खुलापन लाए तो हम 50वें नंबर पर आ
सकते हैं.
7.
हमें अपने उत्पादों को कॉस्ट इफ़ेक्टिव बनाने
के साथ-साथ अच्छे ख़रीददार की भी ज़रूरत होगी.
8.
स्किल डेवेलपमेंट के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप
का मॉडल अपनाना होगा.
9.
हमारी 65 फ़ीसदी जनसंख्या 35 साल से नीचे के
लोगों की है. भारत के नौजवान पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है. हमारे पास टैलेंटेड और
सामर्थ्यवान मैन पॉवर है.
10.
सरकार, उद्योगपति, शिक्षाविदों और नौजवानों
की सोच में एकरूपता लाने की ज़रूरत है.
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- 10 अक्तूबर 2014
छह दलित महिलाओं के साथ गैंगरेप की घटना बुधवार रात की है, लेकिन गुरुवार शाम को इसकी जानकारी मिल पाई है.
घटना की पुष्टि करते हुए भोजुपर के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि पीड़ितों ने गुरुवार की शाम प्राथमिकी दर्ज कराई गई जिसमें तीन लोगों पर आरोप तय किया गया है.
मेडिकल जांच में सभी के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई है. प्रशासन ने प्रत्येक पीड़िता को 90 हज़ार की सहायता राशि प्रदान की गई है.
सभी अभियुक्त गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है. एक अभियुक्त जयप्रकाश को पुलिस ने कल गिरफ्तार किया जबकि बाकी दो शुक्रवार को पुलिस की गिरफ्त में आए.पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभियुक्तों में से एक का संबंध पूर्व में रणवीर सेना से रहा है और वह एक दर्जन से अधिक मामलों में अभियुक्त है.
इस संबंध में पार्टी के राज्य इकाई के सचिव कुणाल ने बताया कि कबाड़ बेचने का काम करने वाली सभी पीड़ित महिलाएं अपना सामान बेचने कुरमुरी गई थीं.
उनको कबाड़ का भुगतान करने में फुटकर पैसे नहीं होने के बहाने देरी की गई. और फिर शाम सात बजे के बाद उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया.
शुक्रवार को भाकपा (माले) के कार्यकर्ताओं ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जिले के फतेहपुर बाजार को जाम किया.
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